क्या आप जानते है Z+ Security के बारे में? आखिर क्या होती है Z+ सुरक्षा? और किन्हें मिलती है ये सुरक्षा? कौन देता है वीआईपी को सिक्योरिटी?

Z+ Security: अक्सर आपने देखा होगा की बडे़ बडे़ नेताओं और वीवीआईपी लोगों के साथ कई पुलिसकर्मी और कमांडो दिखाई पड़ते है. जिन्हें भारत की सुरक्षा एजेंसियां विशेष सुरक्षा मुहैय्या करवाती है. इस दल में कमांडो, पुलिसकर्मी, ITBP के Well Trained जवान तैनात रहते है. जो 24 घंटे इन पर पैनी नज़र रखते है.

आपको बता दें कि ये सुरक्षा को 4 कैटेगरी में बांटा गया है, जो X,Y,Z और Z+ श्रेणी में है.

भारत में सबसे सुरक्षित दल SPG को माना जाता है जिसे स्पेशल प्रोटेक्शन गार्ड भी कहा जाता है. ये सुरक्षा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास है. इसके बाद Z+ सिक्योरिटी है जिसे सबसे ज्यादा सुरक्षित माना जाता है. ये सुरक्षा उन्हीं लोगों को दी जाती है जिन्हें जान का खतरा ज्यादा होता है.

आइए जानते है भारत में ये सुरक्षा अभी किन किन लोगों के पास है?

फिल्हाल ये सुरक्षा भारत के गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सोनिया गांधी, फारूक अब्दुल्ला, एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव, आरएसएस चीफ मोहन भागवत और भारत के सबसे बडे़ उद्योगपति मुकेश अंबानी को भी मिली है. लेकिन मुकेश अंबानी सुरक्षा का सारा खर्च अपने ऊपर उठाते है. आपको बता दें कि इस दल में टोटल 55 जवान होते है. जो ITBP, दिल्ली पुलिस और CRPF के टॉप कमांडो होते है. ये सभी जवानों को मार्शल आर्ट्स के स्पेशलिस्ट होते है. इनके पास MP5 GUN बुलेट प्रूफ जैकेट और तमाम तरह के गैजेट्स होते है.

कौन देता है वीआईपी को सिक्योरिटी?

भारत में वीवीआईपी लोगों को NSG , SPG, ITBP, CRPF जैसी एजेंसीयों द्वारा सिक्योरिटी दी जाती है. इस सुरक्षा को लेने के लिए सरकार को पहले एप्लीकेशन देना होता है. इसके बाद खुफिया एजेंसी व्यक्ति को होने वाले खतरे का अंदाजा लगाती हैं और उसके बाद ही सुरक्षा तय की जाती है. गृह सचिव , डायरेक्टर जनरल और चीफ सेक्रेटरी की कमेटी तय करती है कि किस व्यक्ति को कौन सी सुरक्षा देनी है.

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