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CM नायब सिंह सैनी बनाएंगे हरियाणा में नए जिले और तहसील, जानिए लिस्ट में कौन से शहर

चंडीगढ़

हरियाणा में लगातार तीसरी बार सत्ता में आई बीजेपी सरकार ने नए जिलों और तहसीलों के लिए गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्णलाल पंवार की अध्यक्षता में बनाई गई कैबिनेट सब-कमिटी की पहली बैठक चंडीगढ़ में हुई। बैठक में नए जिलों, उपमंडलों, तहसील और उप-तहसील की मांग से जुड़े लगभग एक दर्जन एजेंडे रखे गए। कैबिनेट सब-कमिटी ने सभी मांगों को लेकर संबंधित जिलों के डीसी से रिपोर्ट मांगने का निर्णय लिया।

बैठक में कहा गया कि डीसी की ओर से जिले, उपमंडल, तहसील और उप-तहसील निर्माण से जुड़ी मांगों का ग्राउंड पर स्टडी कराई जाएगी। डीसी विस्तृत रिपोर्ट बनाकर भेजेंगे। जिस शहर को नया जिला बनाया जाना है, उनमें कौन-कौन से हलके, उपमंडल, शहर, कस्बे, तहसील, उप-तहसील, ब्लॉक समिति और गांव शामिल होंगे, इसकी रिपोर्ट भी जिला उपायुक्तों को भेजनी होगी। इसी तरह उपमंडल को लेकर भी पूरी रिपोर्ट जिलों से आएगी।

जिला उपायुक्तों के पास से रिपोर्ट आने के बाद कैबिनेट सब-कमिटी उस पर मंथन करेगी। इसके बाद ही कमिटी कोई निर्णय लेगी। पूरी प्रक्रिया के बाद कमिटी भी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपनी रिपोर्ट देगी। बता दें कि प्रदेश में अभी तक 2011 की जनगणना के हिसाब से काम चल रहा है। ऐसे में नई जनगणना हुए बिना नए जिलों, उपमंडल, तहसील आदि के बनने की मांग में और भी देरी हो सकती है। इससे पहले सब-कमिटी अपनी बाकी प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहती है।

लंबे समय से है नए जिलों की मांग
प्रदेश में हांसी, गोहाना, असंध, डबवाली और मानेसर को नया जिला बनाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। 15वीं विधानसभा के पहले सत्र के दौरान भी इन हलकों के विधायकों की ओर से जिला बनाने की मांग की गई। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में चरखी दादरी को प्रदेश का 22वां जिला बनाया गया था। पूर्व सरकार के समय भी विधायकों की ओर से जिला बनाने की मांग की जाती रही है। विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गोहाना, असंध और हांसी के लोगों की मांग को लेकर सकारात्मक जवाब भी दिया था। उसी कड़ी में नायब सरकार ने अब कैबिनेट सब-कमिटी बनाई थी।

बैठक में कौन-कौन रहा मौजूद
बैठक में कमिटी के सदस्यों के रूप में राजस्व एवं शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल, संसदीय कार्य मामले मंत्री महीपाल सिंह ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा मौजूद रहे। एफसीआर और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी और विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त और सचिव अनुराग अग्रवाल के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे।

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