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अमेरिका से हरियाणा के 33 युवाओं को डिपोर्ट किए जाने के बाद कैथल के भाजपा नेता ने जलाए डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टर

कैथल
अमेरिका से हरियाणा के 33 युवाओं को डिपोर्ट किए जाने के बाद कैथल के भाजपा नेता गुरप्रीत सैनी एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। ये वही गुरप्रीत सैनी हैं, जिन्होंने 2024 में अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत की खुशी में कैथल में बड़े-बड़े होर्डिंग और पोस्टर लगाए थे। उस समय उन्हें "पोस्टर बॉय" के नाम से जाना गया था। लेकिन अब जब कैथल के 11 युवा अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे हैं, उससे गुरप्रीत सैनी को बड़ी ठेस पहुंची है, जिसके चलते उन्होंने आज ट्रंप के पोस्टर जलाए और जमकर नारेबाजी की। गुरप्रीत सैनी ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोस्त हैं, ऐसे में उन्हें लगता था कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में भारतीयों को सहूलियत और सम्मान दोनों मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं जिसके लिए उन्हें खेद है।

युवाओं को हथकड़ी लगाना गलत: गुरप्रीत सैनी
गुरप्रीत सैनी ने इस मामले पर दुख जताते हुए कहा कि अमेरिका में ट्रंप की जीत पर मैंने पोस्टर लगाए थे, लेकिन अब जब हरियाणा के 33 और कैथल के 11 युवा डिपोर्ट कर दिए गए, तो मुझे बेहद अफसोस हुआ। युवाओं ने 40-50 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका जाने का सपना देखा था, लेकिन उन्हें आतंकवादियों की तरह हाथ-पैरों में हथकड़ियां लगाकर वापस भेजा गया। यहां तक कि जब उन्हें भारत लाया गया, तब भी उनके हाथों में हथकड़ियां थीं। यह बहुत गलत है।

गुरप्रीत सैनी ने इस घटना से नाराज होकर डोनाल्ड ट्रंप के पोस्टर जलाए और उनके खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। इस प्रदर्शन में उनके समर्थक भी शामिल हुए। सैनी ने कहा कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए हरियाणा के 33 युवाओं में से 11 कैथल जिले के हैं। ये सभी अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन वहां सख्ती के कारण पकड़े गए और वापस भेज दिए गए।

ट्रंप की जीत पर गुरप्रीत
कैथल में गुरप्रीत सैनी की ओर से ट्रंप के समर्थन में लगाए गए पोस्टर पहले भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। उन्होंने ट्रंप की जीत पर इसलिए जश्न मनाया था क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि भारतीय प्रवासियों को मदद मिलेगी, लेकिन अब वह खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

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