छत्तीसगढ़राज्य

रूप और अलीशा छत्तीसगढ़ राज्य युवा कवि सम्मान 2025 से सम्मानित

रूप और अलीशा छत्तीसगढ़ राज्य युवा कवि सम्मान 2025 से सम्मानित

कोरिया जिला गौरवान्वित,साहित्यजगत ने दी बधाई

रायपुर
छत्तीसगढ़ मित्र, छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान तथा जय जोहार साहित्य संस्कृति संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार 9 मार्च को वृंदावन हॉल रायपुर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित युवा कविता कुंभ और नारी शक्ति सम्मान में कोरिया जिले के साहित्यकार कवि समाजसेवक एस.के.‘रूप’ और अलीशा शेख को "राज्य कवि सम्मान 2025" से सम्मानित किया गया। विदित हो कि पूर्व में भी श्री रूप और अलीशा को विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ के 50 युवा कवियों के राज्य कवि कुंभ में सुश्री अलीशा ने अपनी जगह बनाई। मुख्य अतिथि आईपीएस डॉ रतनलाल डांगी, छत्तीसगढ़ के साहित्य जगत के महान हस्ती श्री गिरीश पंकज, मैट्स यूनिवर्सिटी के कुलपति, आईएएस साहित्यकार इंद्रा मिश्रा रायपुर ने उक्त सम्मान से नवाजा इस अवसर पर आईपीएस डांगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सार्थक कविताओं का गढ़ है । अध्यक्ष कुलपति प्रो. यादव ने कहा कि आज राज्य के पचास कवियों ने यह साबित कर दिया कि वे कविता के आकाश में राज्य का नाम रौशन कर सकते हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ इंदिरा मिश्रा ने कहा कि रचनात्मक साहित्य जीवन को सार्थक दिशा देता है। साहित्यकार गिरीश पंकज ने कहा कि कविता कभी बूढ़ी नहीं होती। राष्ट्रीय भावनाओं की कविता देश को मजबूत बनाती है। शताब्दी पांडेय ने भी प्रेरक बातें कहीं। इस अवसर पर राज्य के विविध क्षेत्रों से चयनित चालीस से अधिक युवाओं ने काव्य पाठ किया। दूसरे सत्र में ग्यारह महिला प्रतिभाओं एवं 50 युवा कवियों का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ आईपीएस डॉ. रतनलाल डांगी, कार्यक्रम अध्यक्षता डॉ. के. पी. यादव कुलपति मैट्स विश्वविद्यालय, रायपुर, विशिष्ट अतिथि डॉ इंदिरा मिश्रा पूर्व आइएएस, देवेंद्र गोस्वामी संपादक पत्रिका भिलाई, डॉ सुशील त्रिवेदी संपादक छत्तीसगढ़ मित्र, गिरीश पंकज प्रख्यात व्यंग्यकार एवं संपादक सद्भावना दर्पण, निश्चय बाजपेई  समाजसेवी रहे। कार्यक्रम के संकलन में डॉ. सुधीर शर्मा, प्रबंध संपादक छत्तीसगढ़-मित्र, डॉ. सीमा निगम, अध्यक्ष, जय जोहार साहित्य संस्कृति संस्थान एवं शकुन्तला तरार, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान राज्य महिला इकाई की मुख्य भूमिका रही।

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