मध्य प्रदेशराज्य

भोपाल को मिला गडकरी का तोहफा: बनेगा देश का दूसरा सबसे लंबा केबल ब्रिज

भोपाल 

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में जल्द ही देश का दूसरा सबसे लंबा केबल ब्रिज बनने जा रहा है। यह 17 किलोमीटर लंबा ब्रिज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से राजा भोज एयरपोर्ट तक बनाया जाएगा, जिससे शहरवासियों और यात्रियों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। इस महत्वाकांक्षी परियोजना को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दे दी है।

17 किलोमीटर लंबा ब्रिज, बिना जाम के सफर

सांसद आलोक शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट (Bhopal Cable Bridge) की जरूरत को रखा था। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट तक पहुंचने में ट्रैफिक के कारण काफी समय बर्बाद होता है, जिसे ध्यान में रखते हुए यह ब्रिज शहर की एक बड़ी ज़रूरत बन चुका है। नितिन गडकरी ने इस 17 किमी लंबे केबल ब्रिज को ‘अत्यंत आवश्यक’ मानते हुए इस पर सहमति दे दी है।

पहला प्रोजेक्ट:
रानी कमलापति स्टेशन से एयरपोर्ट तक 17 किमी केबल ब्रिज: इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत राजधानी को एयरपोर्ट से जोडऩे के लिए 17 किलोमीटर लंबा केबल ब्रिज बनाया जाएगा, जिसमें 2 किलोमीटर का हिस्सा बड़े तालाब क्षेत्र से होकर एलीवेटेड ब्रिज के रूप में गुजरेगा। मौजूदा समय में एयरपोर्ट तक पहुंचने में लगने वाली देरी और ट्रैफिक जाम की समस्या को देखते हुए यह ब्रिज शहर की जरूरत बन गया है। नितिन गडकरी ने इस प्रस्ताव को ‘भोपाल के लिए व्यावहारिक और समय की मांग’ बताते हुए स्वीकृति दी।

दूसरा प्रस्ताव करोंद से बैरसिया के बीच 35 किलोमीटर सड़क को फोरलेन में तब्दील करना:
इस प्रस्ताव में पीएम गति शक्ति योजना के तहत स्वीकृति दी गई है। यह सड़क एनएच-146 को एनएच-346 से जोड़ेगी, जिससे राजधानी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच सुगम यातायात सुनिश्चित होगा। भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि ‘यह दोनों प्रोजेक्ट सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड नहीं हैं, बल्कि राजधानी की भावी संरचना का आधार तैयार करेंगे।’ अब निगाहें इन प्रस्तावों की डीपीआर और निर्माण प्रक्रिया की ओर हैं, जिनकी औपचारिक शुरुआत जल्द होने की संभावना है। 

बड़ा तालाब पर भी बनेगा 2 किमी एलीवेटेड ब्रिज

केबल ब्रिज (Bhopal Cable Bridge) के अलावा भोपाल के बड़ा तालाब क्षेत्र में 2 किलोमीटर लंबा एलीवेटेड ब्रिज बनाने का प्रस्ताव भी सांसद ने रखा, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए मंजूरी दे दी है। यह ब्रिज न केवल ट्रैफिक का दबाव कम करेगा, बल्कि पर्यटन और परिवहन को भी बढ़ावा देगा।

फोरलेन रोड से राजधानी को नई रफ्तार

सांसद आलोक शर्मा ने एक और बड़ी मांग के तहत भोपाल (Bhopal Cable Bridge) के करोंद से बैरसिया तक सड़क को फोरलेन करने का प्रस्ताव रखा। यह 35 किलोमीटर लंबी सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग 146 को NH-346 से जोड़ेगी और इसे प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के तहत स्वीकृति मिल गई है।

यातायात से राहत, सफर में सुविधा

इन सभी परियोजनाओं (Bhopal Cable Bridge) के पूरा होने के बाद भोपालवासियों को ट्रैफिक जाम की समस्या से बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, रेलवे स्टेशन से एयरपोर्ट पहुंचने में लगने वाला समय भी काफी कम हो जाएगा। यह ब्रिज राजधानी के इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देगा और शहर की स्मार्ट सिटी योजनाओं में गति लाएगा।

 

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