मध्य प्रदेशराज्य

महाकाल मंदिर के पास फिर से बुलडोजर गरजा, बेगम बाग में 11 मुस्लिमों के अवैध निर्माण को तोड़ा

उज्जैन
 विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर के पास बेगम बाग क्षेत्र में 11 अवैध बिल्डिंगों पर बुलडोजर चला है। यह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है जो कि महाकाल मंदिर की पहुंच मार्ग पर है। कार्रवाई महाकाल मंदिर के नीलकंठ द्वार के पास हो रही है। यह प्रॉपर्टी उज्जैन विकास प्राधिकरण की है, जिसे 30 वर्ष की लीज पर आवासीय उपयोग के लिए दिया गया था। बावजूद इसके यहां धर्म विशेष के लोगों ने नियम विरुद्ध इसका व्यावसायिक उपयोग किया।

लीज का नवीनीकरण नहीं हुआ

वहीं, लीज समाप्ति के बाद भी इसका नवीनीकरण नहीं हो सका है। जब उज्जैन विकास प्राधिकरण ने नोटिस दिए तो संबंधित लोग न्यायालय पहुंच गए। लोअर कोर्ट, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से स्टे खारिज होने के बाद अवैध अतिक्रमण पर अब यह कार्रवाई की जा रही है।

सुबह नौ बजे से कार्रवाई शुरू

सुबह 9 बजे शुरू हुई कार्रवाई में किसी प्रकार का कोई विरोध प्रदर्शन देखने को नहीं मिला। दरअसल यहां पिछले 3 माह के भीतर इसी प्रकार 13 बिल्डिंग को जमीदोंज किया गया था, तब जरूर विरोध हुआ था। आज कार्रवाई शांतिपूर्ण चल रही है। यहां 100 से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान तैनात किए गए है। जिनमें सीएसपी, टीआई व जवान मौजूद है।

वहीं, करीब 100 की संख्या में प्रशासन का भी अमला भी मौजूद है। जिसमे विकास प्राधिकरण सीईओ, नगर निगम उपायुक्त, तहसीलदार, पटवारी और निगमकर्मी शामिल है।

महाकाल मंदिर के पास है एरिया

जिस जगह कार्रवाई चल रही है, यह महाकाल मंदिर के पास है। मुस्लिम बाहुल्य होने के कारण अति संवेदनशील क्षेत्र माना गया है। इसलिए एक ओर से रास्ता पूरी तरह बंद कर दिया गया है।

उज्जैन विकास प्राधिकरण का है इलाका

दरअसल, पूरा मामला इस प्रकार है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण ने वर्ष 1985 में बेगम बाग क्षेत्र में करीब 30 भूखंड आवासीय तौर पर 30 साल की लीज पर दिए थे। भूखंड धारकों ने इन भूखंडों का उपयोग आवासीय तौर पर करने की बजाए पूरी तरह व्यावसायिक तौर पर कर लिया। जो कि नियम विरुद्ध था।

इसके साथ ही वर्ष 2014-15 में लीज भी समाप्त हो गई । जिसे नवीनीकरण भी नहीं कराया गया। भूखंडों को लेकर उज्जैन विकास प्राधिकरण ने लगातार नोटिस दिए। वर्ष 2023-24 में उज्जैन विकास प्राधिकरण ने भूखंड धारकों की लीज समाप्त कर दी । जिसको लेकर भूखंड धारक न्यायालय पहुंचे जहां उन्हें स्टे मिल गया। इन भूखंडों का अलग-अलग न्यायालय में मामला विचाराधीन रहा। न्यायालय का स्टे हटते ही तोड़ने की कार्यवाही शुरू कर दी गई । यहां पूर्व में भी तीन चरणों मे करीब तीन माह के भीतर 13 बिल्डिंगों को हटाया गया था।

बड़े-बड़े हैं प्लॉट

खास बात तो यह है कि उज्जैन विकास प्राधिकरण ने यहां 30 भूखंड आवंटित किए थे। जिनमें प्रत्येक की साइज करीब 2400 स्क्वायर फीट थी। भूखंड धारकों ने इनके अलग-अलग टुकड़े कर करीब 65 बिल्डिंग बना ली। आज दिनांक तक 65 में से 24 बिल्डिंग को जमीदोंज किया गया है। शेष 41 बिल्डिंगों को भी कानूनी प्रक्रिया के तहत तोड़ा जाएगा।

आज जिन 11 बिल्डिंगों पर कार्रवाई की जा रही है न्यायालय ने इनका स्टे खारिज कर दिया था । इसके बाद विकास प्राधिकरण की ओर से नोटिस दिया गया था, जिनकी समय सीमा समाप्त हो गई। भवन मालिकों से बातचीत की गई और उन्हें न्यायालय प्रक्रिया के बारे में समझाया गया। इसके बाद उन्होंने स्वतः अपनी बिल्डिंग खाली करना शुरू कर दी। इसलिए यह कार्रवाई शांतिपूर्ण तरीके से चल रही है।

इनलोगों के हैं मकान

आज जिन 11 बिल्डिंग को जमीदोंज किया जा रहा है उनकी विस्तृत जानकारी यह है कि इसका भूखंड क्रमांक 15, 18, 29, 59 और 65 है। इन 5 भूखंडों पर 11 बिल्डिंग बना ली गई थी। जो कि वर्तमान में शेर बानो नागौरी, मोहम्मद अकरम, शहीदुर रहमान, सरफराज, मुबारिक, मोहम्मद तौसीब, अब्दुल लतीफ, सैय्यद कमर अली, मोहम्मद सिद्दीकी कुरेशी, नासिर अली, मोहम्मद सलीम के नाम पर है।

उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ संदीप कुमार सोनी ने बताया कि माननीय न्यायालय से स्टे खारिज होने के बाद यह कार्रवाई की जा रही है । भूखंड धारक को भूखंड आवासीय तौर पर दिए गए थे जिसे उन्होंने व्यावसायिक उपयोग किया। इसके अलावा लीज समाप्त होने के बाद लीज नवीनीकरण भी नहीं हो सका है। इसलिए यह कार्रवाई की गई।

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