
भोपाल
राजधानी भोपाल में 12 वें विज्ञान मेले का आयोजन किया जा रहा है. इसमें पहली बार राजधानी के बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को भी आयोजन में पार्टनर बनाया गया है. अब तक इसका आयोजन विज्ञान भारती और मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में किया जाता था. लेकिन इस बार बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय को भी शामिल किया गया है.
इसरो निदेशक से संवाद करेंगे युवा वैज्ञानिक
मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक अनिल कोठारी ने बताया कि, ''इस बार विज्ञान मेला में जो भी बच्चे सम्मिलित होंगे, उनको देश और प्रदेश के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से बात करने का मौका मिलेगा.'' कोठारी ने बताया कि, ''अभी इसरो के निदेशक डॉ. वी. नारायणन ने इस संवाद में शामिल होने की सहमति दी है. इनके अलावा भोपाल में भी 16 शोध संस्थान हैं, उनके वैज्ञानिक भी संवाद में शामिल होंगे.''
4 दिन तक बीयू परिसर में लगेगा मेला
विज्ञान की नवीनतम उपलब्धियों और नवाचारों का भव्य विज्ञान मेला का आयोजन किया जा रहा है. बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय (बीयू) के मैदान एवं ज्ञान विज्ञान भवन परिसर में 12वां विज्ञान मेला 26 से 29 सितंबर तक आयोजित होगा. इस आयोजन में देश के विभिन्न अंचलों से विज्ञानी, शोधकर्ता, विद्यार्थी और शिक्षक शामिल होंगे. इस मेले का उद्देश्य नवाचार और संवाद के माध्यम से समाज के सामने आने वाली चुनौतियों के समाधान प्रस्तुत करना है.
विज्ञान मेले में ये रहेगा खास
इस आयोजन में प्रमुख आकर्षण अत्याधुनिक विज्ञान प्रदर्शनी, टेक्नोलॉजी शो और इनोवेशन स्टॉल होंगे. इसमें राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थान इसरो, एनटीपीसी, एम्प्री सहित अन्य सस्थानों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसमें सरकारी, निजी, गैर सरकारी संगठन, संस्थान, कंपनियां, सामाजिक संगठन और स्कूल-कालेज सक्रिय रूप से भाग लेंगे. पंजीकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. इच्छुक प्रतिभागी निर्धारित पोर्टल पर पंजीयन कर सकते हैं.
कार्यशालाएं, व्याख्यान और विशेष सत्र होंगे
इस विज्ञान मेले में कार्यशालाएं, व्याख्यान और विशेष सत्र होंगे. नवाचार संगम में कृषि, पर्यावरण से संबंधित सामाजिक समस्याओं पर तकनीकी समाधान के नवाचार पर आधारित इस प्रतियोगिता में आमंत्रित किए गए हैं. इसमें 315 पंजीकरण हुए हैं. वहीं ज्ञान सेतु में विज्ञान शिक्षक कार्यशाला, उपस्थित विज्ञान शिक्षकों को विज्ञान प्रयोग किट का वितरण किया जाएगा.
वहीं भारतीय ज्ञान परंपरा संगोष्ठी में विविध राष्ट्रीय एवं राज्य के शोध एवं शिक्षा संस्थानों से करीब 200 विज्ञानी एवं प्राध्यापक रहेंगे. इस गोष्ठी में भारतीय ज्ञान परंपरा-राष्ट्रीय प्रकोष्ठ के संयोजक आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर गंटी सूर्यनारायण मूर्ती का मार्गदर्शन भी मिलेगा. सीधा संवाद कार्यक्रम में 300 विद्यार्थी प्रतिदिन विज्ञानियों से संवाद का अवसर पाएंगे. इसके अलावा स्कूल और कॉलेज विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक एवं विशेष प्रस्तुतियां होंगी.