राजस्थानराज्य

पिता की वैक्स प्रतिमा देख भावुक हुईं दीया कुमारी, नाहरगढ़ म्यूज़ियम में सजी ब्रिगेडियर भवानी सिंह की झलक

जयपुर 
नाहरगढ़ की ऊंची पहाड़ियों पर बसे जयपुर वैक्स म्यूज़ियम में गुरुवार का दिन भावनाओं से भरा हुआ था। मौका था — महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह की जयंती का, और इस अवसर पर उनकी वैक्स प्रतिमा का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में उनकी बेटी और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने अपने पिता की वैक्स मूर्ति का अनावरण किया। जैसे ही परदा हटाया गया, वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियों से स्वागत किया, जबकि दीया कुमारी की आंखें नम हो उठीं। उन्होंने कहा — “यह मेरे लिए गर्व और भावनाओं से भरा क्षण है। मेरे पिताजी केवल हमारे परिवार के नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के गौरव थे। उनका यह वैक्स स्टेच्यू देखकर ऐसा लगा मानो वे मेरे सामने खड़े हैं। मैं जयपुर वैक्स म्यूज़ियम और उन सभी कारीगरों की आभारी हूं जिन्होंने इतनी सजीव प्रतिमा बनाई।”

ब्रिगेडियर भवानी सिंह: जयपुर के आख़िरी महाराजा और सेना के वीर अधिकारी
ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह न केवल जयपुर राजघराने के उत्तराधिकारी थे, बल्कि भारतीय सेना के एक बहादुर योद्धा भी थे। उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में विशेष साहस का प्रदर्शन किया था, जिसके लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।
उनका योगदान केवल सैन्य क्षेत्र तक सीमित नहीं था — उन्होंने जयपुर की सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण में भी अहम भूमिका निभाई।

नाहरगढ़ म्यूज़ियम में ‘राजसी और वीरता’ का संगम
जयपुर वैक्स म्यूज़ियम में यह प्रतिमा एक विशेष सेक्शन में लगाई गई है, जिसे “राजसी और वीरता का संगम” शीर्षक दिया गया है। यहां राजस्थान के ऐतिहासिक शख़्सियतों के साथ-साथ देश के महान नेताओं और कलाकारों की भी प्रतिमाएं प्रदर्शित हैं।
म्यूज़ियम के संस्थापक अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि सवाई भवानी सिंह की प्रतिमा को तैयार करने में महीनों का समय लगा। उनकी वर्दी, मेडल, और चेहरे के भावों को बारीकी से रिसर्च कर तैयार किया गया ताकि मूर्ति में ‘जीवंतता’ झलके।

दीया कुमारी की अपील — “नई पीढ़ी को जानना चाहिए अपने नायकों को”
दीया कुमारी ने इस मौके पर कहा कि “मेरे पिता जैसे सच्चे देशभक्तों की कहानियां आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचनी चाहिए। म्यूज़ियम इस दिशा में शानदार काम कर रहा है, जो न केवल पर्यटन को बढ़ावा देता है, बल्कि इतिहास को जीवंत भी बनाए रखता है।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी ऐसे सांस्कृतिक स्थलों को प्रोत्साहित करेगी ताकि राजस्थान की विरासत और वीरता दोनों पीढ़ियों तक सुरक्षित रहें।

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