
चंडीगढ़
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हरियाणा राज्य महिला आयोग ने तीन बड़े फैसले लिए हैं। इनमें राज्य के हर जिम में महिला ट्रेनर और विश्वविद्यालय, कॉलेज या संस्थान में रात में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लाने-ले जाने वाली कैब में महिला ड्राइवर अनिवार्य होगी।
इसके अलावा इच्छुक महिलाओं को कैब ड्राइविंग का प्रशिक्षण भी आयोग की तरफ से निशुल्क दिलाया जाएगा। आयोग ने साफ किया है कि आदेशों की अवहेलना करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होगी। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने सख्त रुख अपनाया है।
हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने बताया कि राज्य के सभी जिम में अब कम से कम एक महिला प्रशिक्षक का होना अनिवार्य होगा। आयोग के मुताबिक इससे महिलाओं की सुरक्षा, गोपनीयता और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। राज्य महिला आयोग ने तय किया है कि प्रदेश की इच्छुक महिलाओं को कैब ड्राइविंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसका उद्देश्य उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और परिवहन क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना है। आयोग का मानना है कि रात में सफर करने वाली महिलाओं के लिए यह कदम सुरक्षा कवच साबित होगा।
रेनू भाटिया ने बताया कि दिल्ली और केरल में महिलाओं को ऑटो और टैक्सी ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाती रही है। इन्हीं अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए हरियाणा महिला आयोग ने इस दिशा में ठोस कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि आयोग का यह फैसला साफ संदेश देता है कि अब महिलाओं की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं होगा। आयोग सोमवार तक इन तीनों फैसलों पर लिखित आदेश जारी करेगा।
जिम में महिला प्रशिक्षक होने से महिलाएं सहज महसूस करेंगी और अपनी फिटनेस पर खुलकर ध्यान दे सकेंगी। कई बार जिम में महिलाओं के साथ अभद्रता या छेड़छाड़ की घटनाएं सामने आती हैं। नई व्यवस्था लागू होने से ऐसी घटनाओं में कमी आ सकेगी। उन्होंने कहा कि महिला कर्मचारियों को लाने-ले जाने वाली कैब में महिला चालक होने से उन महिलाओं को राहत मिलेगी जो देर रात तक काम करती हैं। इससे कामकाजी महिलाओं में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी और महिलाएं निर्भय निर्भय होकर कार्यस्थल पर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे सकेंगी।