
पटना
लोकआस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ अब शनिवार के नहाय-खाय के साथ आरंभ हो जांएगे। दीपावली के बाद शुरू होने वाले इस पर्व का सबसे कठिन चरण होता है 36 घंटे का निर्जला व्रत, इसमें व्रती बिना अन्न और जल ग्रहण किए सूर्य देव की उपासना करते हैं। यह तपस्या जितनी आस्था से जुड़ी है, उतनी ही शारीरिक सहनशक्ति की भी परीक्षा है। चिकित्सकों का कहना है कि थोड़ी-सी सावधानी रखकर श्रद्धालु अपनी आस्था और स्वास्थ्य दोनों की रक्षा कर सकते हैं।
व्रत से पहले भरपूर नींद लें और धूप से बचें
राजधानी के चिकित्सकों के अनुसार व्रत शुरू करने से पहले पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है, ताकि शरीर को ऊर्जा मिल सके। व्रत के दौरान धूप में अधिक देर तक रहने से बचना चाहिए, इससे डिहाइड्रेशन और थकान की समस्या न हो। हार्ट, बीपी या शुगर के मरीज व्रत शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें और स्वास्थ्य जांच करा लें।
बीपी के मरीज दवाओं को लेकर बरतें सावधानी
आईजीआईसी के निदेशक डॉ. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि बीपी के मरीजों को व्रत से पहले अपनी दवाओं में सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक असर करने वाली दवाएं न लें, क्योंकि इनके कारण व्रत के दौरान बीपी असंतुलित हो सकता है। कम असर अवधि वाली दवाएं ही डॉक्टर की सलाह से लें और पर्व के बाद तीन-चार दिनों तक लगातार बीपी जांच करते रहे। इस दौरान उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे मरीजों को नमक का सेवन सीमित रखना चाहिए और शरीर में पानी की कमी न होने दें।
हार्ट, बीपी और शुगर मरीजों के लिए जरूरी सुझाव
आईजीआईसी के उप निदेशक डॉ. रोहित कुमार ने बताया कि हार्ट, बीपी व शुगर के मरीज व्रत से पहले डाक्टर से परामर्श लें और दवाओं की डोज एडजस्ट कराएं। अगर हार्ट, बीपी या शुगर का स्तर ज्यादा है तो व्रत के दौरान विशेष सकर्तकता बरते। शरीर में पानी की कमी न हो, इसके लिए खरना के प्रसाद के दौरान तरल पदार्थों का सेवन करें। शरीर को आराम दें, अधिक मेहनत वाले कामों से बचें। दवाओं का सेवन समय पर करें। ब्लड प्रेशर और शुगर की नियमित जांच करें। किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
पारण के समय भी रखें सावधानियां
पटना वीमेंस कॉलेज में क्लीनिकल न्यूट्रीशियन एंड डायटेटिक्स विभाग की सहायक प्राध्यापक डॉ. सुप्रिया ने बताया कि 36 घंटे के निर्जला व्रत के बाद पारण के समय शरीर को धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लाना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि व्रत तोड़ने की शुरुआत ठेकुआ के साथ पानी या नींबू पानी से करें, ताकि शरीर धीरे-धीरे हाइड्रेट हो सके। तुरंत भारी या तला-भुना भोजन न खाएं, इससे पेट खराब हो सकता है। व्रत के बाद पहले फल, जूस या हल्का नाश्ता लें और एक-दो घंटे बाद ही सामान्य भोजन करें। पूरे दिन में छोटे-छोटे आहार लेते रहें ताकि पाचन तंत्र पर अचानक भार न पड़े।



