पंजाबराज्य

जोन-ए का एक विवादित क्लर्क नगर निगम के उच्चाधिकारियों के साथ साथ सत्ताधारी नेताओं की भी मजबूरी बन गया

लुधियाना
जोन-ए का एक विवादित क्लर्क नगर निगम के उच्चाधिकारियों के साथ साथ सत्ताधारी नेताओं की भी मजबूरी बन गया है जिसका सबूत एक हफ्ते के भीतर उक्त क्लर्क की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर जारी हुए चार ऑर्डर के रूप में सामने आया है। इस क्लर्क घनश्याम के खिलाफ कोर्ट केस पैडिंग होने के बावजूद गलत तरीके से प्रॉपर्टी की मलकीयत में बदलाव करने के आरोप में पार्षद अरुण शर्मा द्वारा कमिश्नर को शिकायत की गई है, जिसमें उक्त क्लर्क पर दुर्व्यवहार के आरोप में कार्रवाई करने की मांग की गई है।

इसी बीच उक्त क्लर्क से हाऊस टैक्स ब्रांच का चार्ज वापिस लेने का फैसला आ गया जिसे अरुण शर्मा की शिकायत का नतीजा माना गया लेकिन कुछ देर बाद यह ऑर्डर रद्द कर दिया गया। इसके बाद फिर कमिश्नर के हवाले से जारी एक ऑर्डर में उक्त क्लर्क को हाऊस टैक्स ब्रांच से हटाकर आर.टी.आई. सैल में लगा दिया गया लेकिन यह फैसला भी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया और उक्त क्लर्क को वापस हाऊस टैक्स ब्रांच में लगा दिया गया है जो मामला नगर निगम के गलियारों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि पहले यह कहा जा रहा था कि कुछ अधिकारियों के आशीर्वाद के चलते अरुण शर्मा की शिकायत पर कार्रवाई नही हो पाई थी।

फिर यह बात सुनने को मिली कि एक विधायक की नाराजगी के चलते उक्त क्लर्क से हाऊस टैक्स ब्रांच का चार्ज वापिस लेने का फैसला किया गया था। अब 2 बार हाऊस टैक्स ब्रांच का चार्ज दोबारा देने के लिए विधायक द्वारा ही दबाव बनाने की बात कही जा रही है।

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष शाम सुन्दर मल्होत्रा व पार्षद अरुण शर्मा ने फेसबुक पर लाइव होकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा कि जब पार्षद के साथ दुर्व्यवहार करने को लेकर की गई शिकायत पर नगर निगम के ऑफिसर इस तरह का रवैया अपना रहे हैं तो जनरल पब्लिक की क्य़ा सुनवाई होगी। नगर निगम के ऑफिसर यह स्पष्ट करें कि क्लर्क से हाऊस टैक्स ब्रांच का चार्ज वापस लेने और दोबारा देने का फैसला किस आधार पर किया गया। इसके लिए अधिकारियों की क्या मजबूरी है कि उक्त क्लर्क को वापिस उसी जोन में लगाना जरूरी है। इस संबंध में जहां लोकल बॉडी विभाग के डायरेक्टर को शिकायत की जाएगी। वहीं, नगर निगम कमिश्नर के घर के बाहर धरना लगाने की चेतावनी दी गई है। अरुण शर्मा के मुताबिक उन्होंने यह मुद्दा नगर निगम के जनरल हाऊस की मीटिंग के दौरान भी उठाया था और आगामी मीटिंग के दौरान भी इस बारे में अधिकारियों का विरोध किया जाएगा।

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