पंजाब
शंभू बार्डर पर पिछले 9 महीने से डटे पंजाब के किसानों ने आज दिल्ली की और पैदल मार्च शुरू किया है। हरियाणा बार्डर पर शंभू बार्डर से 101 किसानों के एक समूह ने शुक्रवार को दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू किया। इसी बीच माहौल तनावपूर्ण होता दिखाई दिया जब, कुछ मीटर बाद बड़ी संख्या में बैरिकेड लगाकर किसानों को रोक दिया गया। हरियाणा पुलिस ने किसानों को आगे नहीं बढ़ने के लिए कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत लगाए गए निषेधाज्ञा का हवाला दिया। आपको बता दें कि इसी के साथ ही अंबाला जिला प्रशासन ने जिले में 5 या अधिक लोगों के अवैध रूप से एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया है। किसान फसलों MSP की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली मार्च शुरू होने के साढ़े 3 घंटे के बाद किसान शंभू बार्डर से पीछे हट रहे हैं। इस दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि, उनके काफी नेती इस दौरान घायल हो गए, जिस कारण जत्थे को वापस बुला लिया है। दिल्ली मार्च का फैसला कुछ समय बाद लिया जाएगा। गौरतलब है कि किसानों के मार्च के दौरान हरियाणा बार्डर पर पुलिस ने कंटीले तार, बेरिकेड्स लगा दिए, जिसे किसानों ने आगे बढ़ते हुए उखाड़ दिया। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने किसानों को चेतावनी देते हुए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 7 किसान गंभीर घायल हो गए हैं।
आपको बता दें कि किसानों को दिल्ली कूच करने से रोकने के लिए हरियाणा पुलिस अलर्ट पर है। इसी के चलते शंभू बार्डर पर 3 लेयर के बैरिकेडिंग, सीमेंट की पक्की दीवार बनाई गई तो वहीं पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात हैं। मौके पर पुलिस व पैरामिलिट्री के 1 हजार के करीब जवान तैनात हैं। वहीं अगर बात करें खनौरी बार्डर की तो वहां पर भी 3 लेयर की बैरिकेडिंग लगाई गई है। इसी साथ ही डेढ़ हजार के करीब पुलिस कर्मी तैनात किए हैं। इसके अलावा जेसीबी, वाटर कैनन व्हीकल, 20 रोडवेज बसें, 3 वज्र वाहन, 7 पुलिस की गाड़ियां खड़ी की गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार खनौरी बार्डर पर 13 कंपनियां पुलिस, एक-एक कंपनी सीआरपीएफ और बीएसएफ भी तैनात हैं।
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