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भारत पर गहरी नजर: 7 देशों की गुप्त रणनीति या महज भ्रम?

नई दिल्ली 
रूसी तेल की खरीद को लेकर 7 देशों के समूह जी7 ने बड़े ऐक्शन की तैयारी की है। खबर है कि यह समूह उन देशों को निशाना बनाने की योजना बना रहा है, जो रूस से तेल खरीद को बढ़ा रहे हैं। खास बात है कि भारत और चीन रूसी तेल के बड़े खरीददार हैं। वहीं, भारत की तरफ से साफ किया जा चुका है कि उसे अमेरिका और यूरोपीय संघ निशाना बना रहे हैं।

बुधवार को जी7 ने कहा कि रूस पर दबाव बनाने के लिए साझा कदम उठाए जाएंगे। समूह के वित्त मंत्री ने कहा कि यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस के राजस्व को कम करने की कोशिशें जारी हैं। सदस्य देशों की बैठक के दौरान टैरिफ और इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट बैन जैसे व्यापार संबंधी उपायों पर भी चर्चा की गई थी। साझा बयान के अनुसार, 'हम उनको निशाना बनाएंगे, जो यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूसी तेल खरीद को बढ़ाना जारी रखे हुए हैं।'

ट्रंप ने की थी पहल
सितंबर में ही अमेरिका ने जी7 देशों से रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर शुल्क लगाने का अनुरोध किया है। अमेरिका ने जोर देकर कहा कि केवल एकीकृत प्रयास से ही मॉस्को की युद्ध मशीन को धन मुहैया कराने वाले स्रोत को बंद किया जा सकता है। अमेरिका ने यह भी कहा कि ऐसा करके ही रूस को 'बेवकूफी भरी हत्या' को रोकने के लिए पर्याप्त दबाव बनाया जा सकता है।

जी7, अमेरिका, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और ब्रिटेन सहित समृद्ध, औद्योगिक देशों का एक अंतर-सरकारी समूह है। कनाडा इस वर्ष जी-7 की अध्यक्षता का प्रमुख है।

चीन पर नहीं लगाया ज्यादा शुल्क
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। जबकि, चीन के मामले में यह आंकड़ा 30 प्रतिशत पर है। ट्रंप ने भारत के खिलाफ पहले 25 फीसदी शुल्क का ऐलान किया था और रूसी तेल की खरीद को लेकर जुर्माना भी लगाया था। बाद में उन्होंने अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा की। वह व्यक्तिगत रूप से भी रूसी तेल को लेकर भारत पर निशाना साध चुके हैं।

 

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