
बठिंडा
पंजाब के जिला श्री मुक्तसर साहिब के फतुहीखेड़ा गांव में एक पटाखा फैक्टरी में देर रात करीब 2 बजे जोरदार धमाका हुआ, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस दर्दनाक हादसे में 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल बठिंडा के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।घायलों का हालचाल जानने के लिए शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल आज एम्स पहुंचे। उन्होंने सभी घायलों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और घटनास्थल पर मौजूद फैक्टरी की अव्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन पर सख्त टिप्पणी की।
फैक्टरी में सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं
घायलों ने बताया कि यह पटाखा फैक्टरी हाल ही में शुरू की गई थी, जिसका मालिक रणवीर सिंह निवासी डबवाली है। फैक्टरी में किसी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए थे – न तो अग्निशमन यंत्र लगाए गए थे, न ही कर्मचारियों के लिए कोई आपातकालीन व्यवस्था थी। बताया गया कि हादसे के समय रात दो बजे अचानक आग लग गई और फैक्टरी की छत गिर गई, जिससे वहां सो रहे मजदूर उसके नीचे दबकर घायल हो गए।
नाबालिग भी फैक्टरी में काम करते थे
घायलों में एक 17 वर्षीय नाबालिग भी शामिल है, जिसे गंभीर चोटें आई हैं। इस पर संज्ञान लेते हुए सुखबीर बादल ने प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को नाबालिगों से काम कराने जैसे गैरकानूनी गतिविधियों की जांच के निर्देश दिए।
फैक्टरी मालिक मौके से फरार
घायलों ने बताया कि फैक्टरी मालिक रणवीर सिंह घटना के बाद से फरार है और उसका मोबाइल फोन भी बंद है। इतना ही नहीं, उसने घायलों की कोई खबर नहीं ली और न ही अस्पताल में उनसे मिलने पहुंचा। मजदूरों ने यह भी बताया कि मालिक उन्हें उनके मूल राज्यों – उत्तर प्रदेश और बिहार – भेजने की बात कर रहा है, जबकि उनके पास न तो पैसे हैं और न ही कोई सहायता।
सुखबीर बादल ने दी सहायता का आश्वासन
एम्स में डॉक्टरों से बातचीत करते हुए सुखबीर बादल ने स्पष्ट रूप से कहा कि घायलों के इलाज में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। उन्होंने दवाइयों, टेस्टों और अन्य चिकित्सकीय जरूरतों में पूरी मदद देने की बात कही और आश्वासन दिया कि घायलों से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो घायलों के उपचार का खर्च वह स्वयं वहन करेंगे।
प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग
सुखबीर बादल ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की अवैध और असुरक्षित फैक्ट्रियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे इस हादसे की निष्पक्ष और सख्त जांच करें, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और भविष्य में ऐसे हादसे न हों। यह हादसा न सिर्फ प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि गरीब मजदूरों की सुरक्षा और अधिकारों के प्रति समाज की उदासीनता पर भी सवाल खड़े करता है।