
सीतापुर
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में करीब साढ़े पांच करोड़ रुपये की लागत से बनी पानी की एक टंकी भरभराकर गिर पड़ी. पिछले साल यानी 2024 में ही इसका निर्माण हुआ था. टंकी गिरने के बाद इसमें भरा हजारों लीटर पानी पूरे गांव में फैल गया. इस घटना से इलाके में अफरातफरी मच गई. वहीं, प्रशासनिक अमले में भी खलबली मच गई. सोशल मीडिया पर जमींदोज पानी टंकी के फोटो/वीडियो वायरल हो रहे हैं और लोग इस हादसे को भ्रष्टाचार से जोड़कर देख रहे हैं. मामले में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी तंज कसा है.
पूरा मामला महमूदाबाद तहसील के पहला ब्लॉक की ग्रामसभा चुनका का है, जहां बीते गुरुवार को एक पानी की टंकी ढह गई. बताया जा रहा है कि यह पानी की टंकी साल 2024 में यानी गिरने से महज एक साल पहले ही बनी थी. ग्रामीणों का आरोप है कि मानक विहीन कार्यों के चलते पानी की टंकी, उसमें भरे पानी के दबाव को झेल नही पाई, और बनने के महज कुछ महीने बाद ही ढह गई.
बताया जा रहा है कि गुरुवार दोपहर जब यह हादसा हुआ, तब टंकी पानी से भरी हुई थी. हजारों लीटर पानी से लबालब यह टंकी जैसे ही गिरकर धराशाई हुई, इलाके में हड़कंप मच गया. आसपास का एरिया जलमग्न हो गया. गनीमत रही कि हादसे के समय वहां कोई मौजूद नहीं था, नहीं तो जनहानि हो सकती थी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस पानी की टंकी का निर्माण कार्य एक कार्यदायी संस्था द्वारा कराया गया था. टंकी को बनाने में करीब 531.50 लाख रुपये खर्च हुए थे. पिछले दो महीने से गांव में इसी टंकी से जल आपूर्ति हो रही थी. मगर गुरुवार को हुए इस हादसे ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
स्थानीय लोगों का कहना है कि इसको लेकर पूर्व में संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया था, लेकिन जल निगम के अधिकारियों व ठेकेदारों ने संज्ञान नहीं लिया. इस लापरवाही का नतीजा अब खुद सामने आ गया.
सूत्रों के अनुसार, पानी की टंकी गिरने के मामले में दर्जन भर से अधिक कर्मचारियों/अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. जिसमें निर्माण कार्य करने वाली एजेंसी, निर्माण कार्य देख रहे AE, JE आदि पर एक्शन हुआ है. जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
वहीं, मामले में अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर लिखा- ये है भाजपाई भ्रष्टाचार का मासिक ब्यौरा. भाजपा की बेईमानी के बोझ तले ‘अप्रैल’ में लखीमपुर में टंकी फटी, अब ‘मई’ में सीतापुर में टंकी फटी. लगता है जून में कहीं और भाजपा की तथाकथित ईमानदारी का डंका फटेगा. ये तो शुक्र है कि जो लोग जल जीवन मिशन की जांच करने निकले हैं, वो भरभरा के ज़मींदोज़ हो गयी इस टंकी के आसपास नहीं थे. भाजपा ने तो जल से छल करके भ्रष्टाचार की हर हद को पार कर दिया है.