
चंडीगढ़
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से की गई टिप्पणियां आप के विधायकों और मंत्रियों की ही रास नहीं आ रही हैं। वे मुख्यमंत्री की इस निजी टिप्पणियों से खुश नहीं हैं।
वे मान कर चल रहे हैं कि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को इस तरह की अनुचित बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। पार्टी के एक सीनियर विधायक ने बातचीत में कहा कि हमें पूरी तरह से सभ्य तरीके से काम करने की जरूरत है।
काबिले गौर है कि मुख्यमंत्री ने बीते कल भी पीएम के खिलाफ टिप्पणियां की थी जिसका विदेश मंत्रालय ने संज्ञान लेते हुए भगवंत मान के बयान को अनुचित बताया। विदेश मंत्रालय ने कल एक बयान जारी कर कहा, हमने एक उच्च प्रांतीय अथॉरिटी द्वारा वैश्विक दक्षिण के मित्र देशों के साथ भारत के संबंधों के बारे में की गई कुछ टिप्पणियां देखी हैं। ये टिप्पणियां गैर-ज़िम्मेदाराना और खेदजनक हैं और राजकीय अथारिटी को शोभा नहीं देतीं। भारत सरकार ऐसी अनुचित टिप्पणियों से खुद को अलग करती है जो मित्र देशों के साथ भारत के संबंधों को कमजोर करती हैं।
हालांकि कोई भी अधिकारिक तौर पर कोई भी विधायक बात नहीं कर रहा है लेकिन उन्हें इस बात की हैरानी है कि मुख्मयंत्री इस तरह निजी टिप्पणियों पर क्यों उतर आए हैं। उन्होंने माना कि केंद्र सरकार लगातार पंजाब के साथ पक्षपाती रवैया अपना रही है जो कि संघवाद के बिल्कुल खिलाफ है। हमें उनके इस रवैये के खिलाफ बात करनी चाहिए न कि प्रधानमंत्री या गृह मंत्री पर निजी टिप्पणियां करनी चाहिए।
एक अन्य विधायक ने कहा कि केंद्र सरकार पहले ही हमारे नौ हजार करोड़ के देहाती विकास फंड को रोके हुए है जिसको लेकर हम बार बार प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के निजी हस्तक्षेप की बात करते हैं लेकिन दूसरी ओर उनके खिलाफ निजी टिप्पणियां कर रहे हैं। ऐसे में क्या पीएम या गृह मंत्री आरडीएफ को देने में पंजाब के साथ कोई नरम रवैया बरतेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे गोदाम अनाज से भरे हुए हैं और इन्हें खाली करवाने के लिए हम पूरी तरह से केंद्र सरकार पर निर्भर हैं। इस प्रकार की निजी टिप्पणियां हमारा नुकसान कर सकती हैं वह भी ऐसे समय में जब धान का सीजन शुरू हो चुका है और हमारे पास अनाज को गोदमों में रखने के लिए कोई जगह नहीं है।