
नई दिल्ली
अहमदाबाद हवाई दुर्घटना की जांच में एक चौंकाने वाला नया खुलासा सामने आया है, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। 260 लोगों की दर्दनाक मौत से जुड़ी इस हादसे के पीछे की वजहें अब तक जो समझी जा रही थीं, उनसे कहीं अधिक गहरे और गंभीर तथ्य उजागर हुए हैं। इस घटना की सच्चाई जानकर हर किसी के होश उड़ जाएंगे। क्या वजह थी इस भीषण दुर्घटना की? किस तरह की लापरवाही और चूक ने इतना बड़ा हादसा कर दिया? आइए जानते हैं इस मामले से जुड़ी अब तक की सबसे महत्वपूर्ण और हैरान करने वाली जानकारी।
घटना के बारे में बात करें तो इस साल 12 जून 2025 को हुए अहमदाबाद विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान का यह हादसा तब हुआ था जब यह अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद मेडिकल हॉस्टल की बिल्डिंग से टकरा गया। इस त्रासदी में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, साथ ही टक्कर से प्रभावित मेडिकल हॉस्टल के 19 लोगों की भी जान चली गई। कुल मिलाकर इस हादसे में 260 लोग अपनी जिंदगी गंवा बैठे। हादसे में केवल एक व्यक्ति ही गंभीर रूप से घायल होकर जिंदा बचा था। वहीं, अस्पताल के 67 लोग भी घायल हुए थे। अब इस दर्दनाक घटना को लेकर मारे गए चार यात्रियों के परिवारों ने अमेरिका में विमान निर्माता कंपनी बोइंग और उसके पार्ट्स बनाने वाली कंपनी हनीवेल के खिलाफ कानूनी कदम उठाया है। यह मुकदमा टेक्सास स्थित लैनियर लॉ फर्म के माध्यम से दायर किया गया है।
हादसे की वजह बनी तकनीकी खामी
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के फ्यूल स्विच में खराबी आ गई थी, जिसके कारण विमान 'रन' से 'कटऑफ' स्थिति में चला गया था। इस तकनीकी खराबी ने पायलट के नियंत्रण को प्रभावित किया और विमान अनियंत्रित होकर अस्पताल की इमारत से टकरा गया। मृतकों के परिवारों का आरोप है कि बोइंग और हनीवेल दोनों कंपनियां इस फ्यूल स्विच की समस्या को अच्छी तरह से जानती थीं, लेकिन जानबूझकर इस खतरे को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि दोनों कंपनियों की लापरवाही और उचित सावधानी न बरतने के कारण यह हादसा हुआ है।
जांच प्रक्रिया जारी, कंपनियों की चुप्पी
हालांकि बोइंग और हनीवेल की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। बोइंग ने केवल इतना कहा है कि भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) इस हादसे की विस्तृत जांच कर रहा है। इस जांच की अंतिम रिपोर्ट आने की उम्मीद 2026 में है।
हादसे का असर और भविष्य की तैयारी
यह हादसा भारतीय हवाई सेवा के इतिहास में एक काला दिन माना जा रहा है, जिसने देश के नागरिकों को विमान सुरक्षा के प्रति चिंता में डाल दिया है। विमान निर्माण और उसके पार्ट्स की गुणवत्ता पर उठ रहे सवालों के बीच यह मुकदमा एक नई चुनौतियों को सामने लाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मामले में जांच पूरी होने पर विमानन सुरक्षा मानकों में कड़ा सुधार हो सकता है।