
अजमेर
पुष्कर में वरिष्ठ अधिवक्ता पुरुषोत्तम जाखेटिया की हत्या के विरोध में शनिवार को अजमेर, पुष्कर, नसीराबाद और ब्यावर बंद रहा। बंद को सफल बनाने के लिए वकीलों ने विभिन्न बाजारों में पहुंचकर दुकानें बंद कराईं। हालांकि, इस दौरान कई स्थानों पर हिंसा और तोड़फोड़ की घटनाएं भी सामने आईं।
शांतिपूर्ण बंद की अपील, लेकिन हुआ हंगामा
शनिवार सुबह अजमेर कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में वकील इकट्ठा हुए। अजमेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह रावत ने सभी अधिवक्ताओं को रूट की जानकारी दी और शांतिपूर्ण तरीके से बंद कराने की अपील की। लेकिन जब वकीलों ने बाजारों में खुली दुकानें देखीं, तो उनका आक्रोश फूट पड़ा।
अजमेर में दुकानें तोड़ीं, टेंपो रुकवाए
अजमेर रेलवे स्टेशन के पास कुछ होटल और दुकानें खुली देख वकील नाराज हो गए। उन्होंने दुकानों के जाली पर डंडे मारे, तोड़फोड़ की और सामान फेंक दिया। कई वकील अपने गुस्साए साथियों को शांत कराने की कोशिश करते दिखे, लेकिन उग्र भीड़ काबू से बाहर थी। रामगंज चौराहे पर भी वकीलों ने प्रदर्शन किया। वहां से गुजर रहे टेंपो को रोककर सवारियों को नीचे उतरने के लिए मजबूर किया गया। मॉल के गेट और कुर्सियों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
ब्यावर में पुलिस से झड़प
ब्यावर रोड स्थित सब्जी मंडी में वकीलों ने जबरन दुकानों को बंद कराया। एक वकील के हाथ में डंडा था, जिसे लेकर पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच छीना-झपटी हुई। इसके बाद आंदोलनकारी उग्र हो गए और पुलिस से झड़प हो गई।
पुष्कर और नसीराबाद में भी बंद
अजमेर के अलावा पुष्कर और नसीराबाद में भी बंद पूरी तरह सफल रहा। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा और अधिकांश दुकानें बंद रहीं।
एक सप्ताह में दूसरी बार अजमेर बंद
गौरतलब है कि इससे पहले 1 मार्च को बिजयनगर गैंगरेप-ब्लैकमेल कांड के विरोध में अजमेर बंद रखा गया था। एक हफ्ते में दूसरी बार शहर में बंद का असर दिखा। लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण आम जनता को असुविधा झेलनी पड़ रही है।
प्रशासन की चुनौती बढ़ी
शहर में दो बार बड़े प्रदर्शन और हिंसक घटनाओं के बाद प्रशासन के लिए कानून-व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गया है। वकीलों का गुस्सा अभी शांत होता नहीं दिख रहा, और आने वाले दिनों में विरोध प्रदर्शन और तेज हो सकते हैं।