हिंदू धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा को समर्पित किया गया है. अन्नपूर्णा जयंती पर जो कोई भी मां की पूजा करता है उसका घर धन-धान्य और खुशियों से भरा रहता है. जो लोग इस दिन पूरे विधि-विधान से मां की पूजा करते हैं, मां अन्नपूर्णा उनकी जिंदगी के सभी दुखों को दूर करती हैं. इस दिन दान का भी बहुत महत्व है. ऐसे में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जान लीजिए कि इस दिन किन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती होती है. इस साल 14 दिसंबर को 4 बजकर 58 मिनट से मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी. इस तिथि की समाप्ति 15 दिसंबर को दोपहर 2 बजकर 31 मिनट पर होगी. ऐसे में उदयातिथि की के अनुसार, 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती होगी.
अन्नपूर्णा जयंती के दिन इन चीजों का करें दान
अन्नपूर्णा जयंती के दिन जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्रों का दान करें. अन्नपूर्णा जयंती के दिन अन्न और वस्त्रों का दान करना शुभ होता है. जो भी इस दिन अन्न और वस्त्रों का दान करता है, उसका जीवन अन्न और धन के भंडार से हमेशा भरा रहता है. इस दिन अन्न और वस्त्र का दान करने वालों को जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं.
अन्नपूर्णा जयंती 2024 पूजा विधि
अन्नपूर्णा जयंती के दिन सुबह स्नान के बाद साफ कपड़े पहने.
फिर पूजा वाली जगह को गंगादल से शुद्ध करें.
इस दिन व्रत रखने की इच्छा है, तो पहले व्रत का सकंल्प लें.
पूजा से पहले मां अन्नपूर्णा की मूर्ति या तस्वीर पूजा के स्थान पर स्थापित करें.
इसके बाद मां के सामने धूप और दीप जलाएं.
पूजा के लिए पहले कुमकुम, हल्दी, अक्षत, नैवेद्य, तुलसी पत्र आदि पूजा के स्थान पर रख लें.
मां को हलवा, पूड़ी और सब्जी का भोग को लगाएं.
पूजा के समय मां अन्नपूर्णा के स्तोत्र और मंत्रों का जप करना शुभकारी होता है.
पूजा के समय अक्षत, पुष्प आदि भी मां को चढ़ाएं.
पूजा खत्म होने के बाद घर के लोगों में प्रसाद अवश्य वितरित करें.
पूजा के दौरान माता के मंत्र ‘ॐ अन्नपूर्णायै नमः’ का 108 बार जप अवश्य करें.