
अंता
अंता विधानसभा उपचुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने लंबे मंथन के बाद मोरपाल सुमन को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी ने स्थानीयता, सादगी और जातिगत संतुलन को ध्यान में रखते हुए मोरपाल सुमन के नाम पर मुहर लगाई है। सुमन की पहचान क्षेत्र में एक लो-प्रोफाइल लेकिन जमीन से जुड़े नेता के रूप में है। बताया जा रहा है कि उनके नाम पर पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं में सहमति बनने के बाद ही टिकट फाइनल किया गया।
बीजेपी के निर्णय के बाद अब अंता सीट पर मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता प्रमोद जैन भाया को प्रत्याशी बनाया है, जो पहले भी इस सीट से विधायक रह चुके हैं। भाया क्षेत्र में अपने संगठनात्मक नेटवर्क और पुराने जनसंपर्क के लिए जाने जाते हैं। वहीं, नरेश मीणा ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरकर मुकाबले को और कठिन बना दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस बार अंता सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। बीजेपी मोरपाल सुमन के स्थानीय होने और संगठन की मजबूती पर भरोसा जता रही है, जबकि कांग्रेस प्रमोद जैन भाया के अनुभव और लोकप्रियता को अपनी ताकत मान रही है। दूसरी ओर, नरेश मीणा युवा और जातीय समीकरण के दम पर चुनावी माहौल को प्रभावित करने की कोशिश में हैं। आने वाले दिनों में प्रचार अभियान के तेज होने के साथ ही यह सीट प्रदेश की सबसे चर्चित उपचुनाव सीटों में से एक बनने की संभावना है।