मध्य प्रदेशराज्य

मध्यप्रदेश के बाग प्रिंट शिल्पियों की पुणे की विरासत हाट में धूम

भोपाल
मध्यप्रदेश की समृद्ध हस्तशिल्प परंपरा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले बाग प्रिंट ने पुणे के विरासत कारीगर हाट में अपनी अनूठी छाप छोड़ी। पुणे के मोनालिसा कलाग्राम में आयोजित इस प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सुश्री गौरी शिंदे और आर. बाल्की ने किया। यह पहली बार है जब भारत में इस स्तर पर विरासत कारीगर हाट का आयोजन किया गया है, जिसमें देशभर के 30 प्रमुख शिल्पकारों को आमंत्रित किया गया है। यह प्रदर्शनी 3 फरवरी 2025 तक चलेगी।

बाग प्रिंट को मिली सराहना
धार जिले के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पगुरु मोहम्मद युसुफ खत्री और अब्दुल करीम खत्री ने इस आयोजन में मध्यप्रदेश की प्रतिष्ठित बाग प्रिंट हस्तकला का प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से आए शिल्प प्रेमियों ने इस प्राचीन कला को नजदीक से जाना, इसकी बारीकियों को समझा और बाग प्रिंट की समृद्ध परंपरा से रूबरू हुए। प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती लिसा पिंगले ने अपने फार्म हाउस मोनालिसा पर देशभर के 30 प्रतिष्ठित शिल्पकारों को नि:शुल्क आमंत्रित किया। उन्होंने बाग प्रिंट के प्रति अपनी विशेष रुचि दर्शाते हुए स्वयं बाग प्रिंट की साड़ी खरीदी और वहीं पर ब्लाउज सिलवाकर इसे पहनकर इस हस्तशिल्प का प्रचार किया।

बॉलीवुड ने सराहा बाघ प्रिंट, शिल्पियों का बढ़ाया मनोबल
बॉलीवुड की दिग्गज निर्माता गौरी शिंदे और आर. बाल्की ने बाग प्रिंट की सुंदरता और विशिष्टता की सराहना की। उन्होंने शिल्पगुरु मोहम्मद युसूफ और अब्दुल करीम खत्री के कार्यों को न सिर्फ सराहा बल्कि बाग प्रिंट कला को संरक्षित और बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा भी की। इस अवसर पर मोहम्मद युसूफ खत्री ने विरासत कारीगर हाट की ओर से फिल्म निर्माता आर. बाल्की को बाग प्रिंट की एक विशेष पेंटिंग भेंट की। यह हस्तशिल्प कला के प्रति उनके योगदान और समर्थन के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत की गई।

पुणे में बाग प्रिंट की लोकप्रियता में वृद्धि
प्रदर्शनी के दौरान पूना के नागरिकों ने बाग प्रिंट के सूती वस्त्रों को अत्यधिक पसंद किया और बड़ी संख्या में इन वस्त्रों की खरीदारी की। यह प्रदर्शनी न केवल बाग प्रिंट के प्रचार-प्रसार का एक महत्वपूर्ण मंच बनी बल्कि इससे मध्यप्रदेश के हस्तशिल्पियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी कला का प्रदर्शन करने का अवसर भी मिला। मध्यप्रदेश की पारंपरिक हस्तशिल्प और बाग प्रिंट को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने के प्रयासों में यह आयोजन एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुआ है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button