हरियाणा
पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दावा किया कि देश में लोकतंत्र है, लेकिन वास्तव में यह तंत्र (सिस्टम) है, जिसकी हरियाणा में बीजेपी जीत हुई है. हरियाणा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार हार का सामना कर विपक्ष में बैठी है. सरकार के गठन को एक महीने का वक्त हो चुका है, लेकिन पार्टी के भीतर लगातार मंथन जारी है.
ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी 'बड़ा बहुमत' पाकर जीत का जश्न मना रही है, लेकिन वास्तव में कांग्रेस और बीजेपी के वोटों का अंतर महज 0.85 फीसदी ही है. यह लोकतंत्र है, लेकिन वास्तव में तंत्र की जीत हुई है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विधानसभा में अपने संबोधन में यह बात कही. हुड्डा ने राज्यपाल के संबोधन पर जवाब देते हुए कहा कि वह बहुत ज्यादा नहीं कहना चाहते थे, लेकिन बीजेपी के विधायकों ने कांग्रेस के 10 साल की उपलब्धियों के बारे में बताने की जगह केवल आलोचना की है. उनकी इसी तरह की ट्रेनिंग हुई है.
पैसा लेकर नौकरी देने के आरोपों का भी दिया जवाब
बीजेपी ने चुनाव के प्रचार में भी कांग्रेस पर 'खर्ची-पर्ची' का आरोप लगाया था. इस पर पूर्व सीएम ने कहा कि उलटा चोर दारोगा को डांटे. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बीजेपी के कार्यकाल में व्यापक स्तर पर पेपर लीक और भर्ती घोटाला हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में जो भी युवा जेबीटी पूरा करता था, उसे नौकरी मिलती थी. जबकि बीजेपी के कार्यकाल में एक भी जेबीटी भर्ती नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में 50 हजार पद खाली है और सभी विभागों में दो लाख पद खाली है. स्कूलों में शिक्षक नहीं है और अस्पतालों में डॉक्टर नहीं है.
परिवारवाद के आरोपों पर जवाब
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने परिवारवाद के लगने वाले आरोपों का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि उनके दादा और पिता स्वतंत्रता सेनानी थे. पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उनके पिता रणबीर सिंह ने बाबासाहेब अंबेडकर के साथ संविधान पर हस्ताक्षर किया था.