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रेलवे का बड़ा फैसला: तत्काल टिकट बुकिंग के लिए अब जरूरी होगा E-Aadhaar वेरिफिकेशन

नई दिल्ली

भारतीय रेलवे से तत्काल टिकट बुक करना आम यात्रियों के लिए किसी सपने से कम नहीं रहा है। हर दिन लाखों यात्री IRCTC की वेबसाइट (irctc.co.in) पर कोशिश करते हैं, लेकिन वेबसाइट हैंग होने, धीमी स्पीड और बॉट्स की वजह से कई बार टिकट वेटिंग में ही रह जाती है। ऐसे में यात्रियों को भारी निराशा का सामना करना पड़ता है। अब इस परेशानी को खत्म करने के लिए रेलवे मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम शुरू करेगा। इसका मकसद फर्जी यात्रियों और दलालों को रोकना और असली यात्रियों को प्राथमिकता देना है। रेल मंत्री ने कहा, “भारतीय रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुकिंग के लिए ई-आधार ऑथेंटिकेशन की शुरुआत करेगा। इससे जरूरतमंद और असली यात्रियों को कन्फर्म टिकट मिल सकेगा।”

क्या बदलेगा नए नियमों से?

    सिर्फ आधार वेरिफाइड अकाउंट्स को तत्काल टिकट की इजाज़त मिलेगी।

    बुकिंग के पहले 10 मिनट सिर्फ वेरिफाइड यूजर्स को प्राथमिकता मिलेगी।

    IRCTC एजेंट्स को भी पहले 10 मिनट में टिकट बुक करने की इजाजत नहीं होगी।

    काउंटर से टिकट लेने पर भी आधार सत्यापन अनिवार्य किया जा सकता है।

क्यों जरूरी था यह कदम?

वर्तमान में IRCTC के 13 करोड़ से ज्यादा यूजर्स में से केवल 1.2 करोड़ ही आधार वेरिफाइड हैं। रेलवे ने तय किया है कि जो अकाउंट आधार से लिंक नहीं होंगे, उन पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। यदि किसी खाते में संदिग्ध गतिविधि पाई जाती है, तो उसे बंद कर दिया जाएगा। यह बदलाव आम यात्रियों को तत्काल टिकट के लिए उचित मौका देने की दिशा में अहम है।

तत्काल टिकट बुकिंग में दिखा दिलचस्प पैटर्न

रेलवे द्वारा 24 मई से 2 जून तक के बुकिंग डाटा के विश्लेषण से कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए:

एसी कैटेगरी:

    पहले मिनट में औसतन सिर्फ 5,615 टिकट ही बुक हुए।

    दूसरे मिनट में 22,827 टिकट बुक हुए।

    कुल मिलाकर पहले 10 मिनट में 67,159 एसी टिकट बिके – जो कुल ऑनलाइन बुकिंग का 62.5% है।

गैर-एसी कैटेगरी:

    पहले ही मिनट में 4% टिकट (4,724) बुक हो गए।

    पहले 10 मिनट में लगभग 66.4% टिकट बिके।

    8 से 10 घंटे बाद भी लगभग 12% तत्काल टिकट बुक किए गए।

यह डाटा साफ दिखाता है कि कैसे पहले कुछ मिनटों में ही अधिकतर टिकट हाथ से निकल जाते हैं – और यही वो समय है जब ऑटोमेटेड टूल्स का दुरुपयोग सबसे ज्यादा होता है। रेलवे अब इस पर रोक लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और निगरानी तंत्र का उपयोग कर रहा है।

अब तक क्या कार्रवाई हुई?

रेलवे ने बीते 6 महीनों में 2.4 करोड़ फर्जी या संदिग्ध IRCTC अकाउंट्स को ब्लॉक किया है। यह देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्रणाली को सही दिशा में ले जाने की एक ऐतिहासिक पहल है।

कैसे करेगा काम आधार ऑथेंटिकेशन सिस्टम?

यात्री को आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर OTP प्राप्त होगा। OTP को IRCTC वेबसाइट पर डालकर वेरिफिकेशन पूरा करना होगा। वेरिफाइड यूजर्स को तुरंत टिकट बुकिंग की सुविधा मिलेगी।

IRCTC ने बताया कि जो यूजर्स आधार से वेरिफाई नहीं हैं, वे IRCTC पर रजिस्ट्रेशन के 3 दिन बाद ही तत्काल, प्रीमियम तत्काल या ARP टिकट बुक कर सकेंगे। जबकि आधार वेरिफाइड यूजर्स को ऐसी कोई रोक नहीं होगी। रेलवे ने यह भी बताया कि उसने AI तकनीक की मदद से 2.5 करोड़ से ज्यादा फर्जी और संदिग्ध IRCTC यूजर आईडी को पहचान कर निष्क्रिय कर दिया है।

IRCTC के मुताबिक, तत्काल टिकट बुकिंग के पहले 5 मिनट में 50% लॉगिन प्रयास बॉट्स से होते हैं, जिससे असली यात्री टिकट नहीं बुक कर पाते। अब रेलवे ने एंटी-बॉट सिस्टम लागू किया है। एक बड़ी कॉन्टेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) सेवा के साथ साझेदारी की है। सर्वर को भी पहले से बेहतर किया है।
नई व्यवस्था कब से लागू होगी?

रेलवे मंत्रालय ने कहा है कि यह नियम बहुत जल्द लागू किए जाएंगे। फिलहाल तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यात्रियों को इससे पहले कुछ काम करने होंगे। अपना IRCTC अकाउंट आधार से लिंक करें। सुनिश्चित करें कि आपका मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हुआ हो। अगर आप नए यूजर हैं, तो जल्द से जल्द रजिस्ट्रेशन कराएं ताकि 3 दिन की वेटिंग से बच सकें।

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