मध्य प्रदेशराज्य

राजस्व विभाग का बड़ा फैसला, 12 हजार पटवारी का होगा ट्रांसफर, जानें कारण

भोपाल
मध्य प्रदेश के करीब 12 हजार पटवारी और राजस्व निरीक्षक का ट्रांसफर होने जा रहा है. इस संबंध में राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि ऐसे पटवारी जो गृह तहसील में पदस्थ हैं और राजस्व निरीक्षक (आरआइ) गृह अनुविभाग में पदस्थ हैं, उनको हटाकर अन्यत्र पदस्थ किया जाए।
शिकायत मिलने पर कार्रवाई का दिया आदेश

दरअसल, राजस्व विभाग को शिकायतें प्राप्त हुई थीं कि अधिकांश जिलों में पटवारी अपने गृह तहसील और राजस्व निरीक्षक (आरआइ) अपने गृह अनुविभाग में पदस्थ हैं। इससे शासन की कार्य व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है। जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है। कलेक्टरों से स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि वे ऐसे पटवारियों को चिह्नित कर सूची तैयार करें और हटाने की कार्रवाई की जाए।

    मध्य प्रदेश में कुल 25 हजार पटवारी अभी पदस्थ हैं।

50 प्रतिशत पटवारी ऐसे है जो गृह तहसील में पदस्थ हैं।
मामला आलोक में आते ही राज्य सरकार ने जिला कलेक्टरों को आदेश दिया।
करीब 12 हजार पटवारी अपने गृह जिले से बाहर कर दिए जाएंगे।
आए दिन रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं पटवारी

राजस्व विभाग के अधीन कार्यरत पटवारी आए दिन जिलों में लोकायुक्त संगठन की कार्रवाई में रिश्वत लेते पकड़े जाते हैं। रिश्वत लेने के मामलों में एक साल में ही 20 से अधिक पटवारी लोकायुक्त की छापेमार कार्रवाई में पकड़े जा चुके हैं। रिश्वत के बढ़ते मामलों को देखते हुए पटवारियों को अपने गृह जिले से बाहर करने का निर्णय लिया गया है।

राजस्व निरीक्षकों पर भी लागू होगी पटवारी तबादला नीति

राज्य शासन द्वारा अप्रैल 2024 में जारी पटवारी तबादला नीति (Patwari Transfer Policy) अब सिर्फ पटवारियों तक सीमित नहीं रही। राजस्व निरीक्षक (Revenue Inspector) भी इसकी जद में आ गए हैं। अगर कोई निरीक्षक अपने गृह अनुविभाग (Home Sub-Division) में पदस्थ है, तो उसे हटाने के निर्देश सभी जिलों के कलेक्टरों को भेजे गए हैं।

क्यों बदली गई नीति?

राजस्व विभाग का मानना है कि गृह क्षेत्र में तैनाती पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर सकती है। इससे प्रशासनिक निष्पक्षता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।

राज्य शासन ने जो तबादला नीति 29 अप्रैल को जारी की थी, उसी आधार पर यह नई कार्यवाही होगी। यह आदेश सभी जिलों के कलेक्टर (Collector) को भेजे गए हैं ताकि वे इस नीति का पालन कर सकें।

राजस्व निरीक्षकों पर लागू होंगी ये शर्तें

    गृह अनुविभाग में तैनाती नहीं होगी
    रिक्त पदों की उपलब्धता के आधार पर ही संविलयन संभव होगा
    आरक्षण रोस्टर का पालन अनिवार्य होगा
    संविलयन के 15 दिन के भीतर रिपोर्टिंग अनिवार्य
    संविलयन आदेश में संशोधन नहीं होगा
    एक बार जिला आवंटन के बाद परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा
    प्रथम नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता जोड़ी जाएगी

जिलों को भेजे गए निर्देश

भू अभिलेख कार्यालय (Land Records Department) द्वारा यह निर्देश 28 अक्टूबर 2024 के पहले वाले आदेशों को ध्यान में रखते हुए जारी किए गए हैं। इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पटवारियों के साथ-साथ अब राजस्व निरीक्षकों की भी स्थानांतरण प्रक्रिया पारदर्शिता और निष्पक्षता से हो।
पटवारियों के तबादले के लिए तय की गईं नई विशेष परिस्थितियां

राज्य शासन ने 16 फरवरी 2024 के बाद नियुक्त पटवारियों के लिए स्थानांतरण संबंधी दिशा-निर्देशों को स्पष्ट कर दिया है। अब कुछ विशेष परिस्थितियों में ये पटवारी तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे, लेकिन इसके लिए कुछ आवश्यक शर्तों का पालन अनिवार्य होगा।
पति-पत्नी दोनों शासकीय सेवा में हों तो स्थानांतरण संभव

यदि कोई पटवारी शासकीय सेवा में कार्यरत अपने जीवनसाथी के साथ एक ही जिले में पदस्थ होना चाहता है, तो वह तबादले के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि, यह तबादला तभी संभव होगा जब वांछित जिले में संबंधित श्रेणी का पद रिक्त हो।
महिलाओं और गंभीर बीमारियों के मामलों में विशेष छूट

विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या परित्यक्ता महिला पटवारियों को भी स्थानांतरण की सुविधा दी जा सकती है, बशर्ते वे जिस जिले में तबादला चाहती हैं वहां पद रिक्त हो। इसके साथ ही यदि कोई पटवारी गंभीर बीमारी से ग्रसित है – जैसे कि कैंसर, किडनी डायलिसिस या ओपन हार्ट सर्जरी – तो वह भी स्थानांतरण के लिए पात्र होगा।
आपसी सहमति से तबादले का विकल्प

पटवारियों को आपसी सहमति के आधार पर भी तबादले का अवसर दिया गया है। इस स्थिति में दोनों आवेदकों की श्रेणी और उपश्रेणी समान होना अनिवार्य है, ताकि स्थानांतरण प्रक्रिया में समरसता बनी रहे।
संविलियन के बाद नई ज़िम्मेदारियाँ

संविलियन के पश्चात पटवारी की परिवीक्षा अवधि से संबंधित कार्यवाही नवीन जिले में ही की जाएगी। साथ ही, संबंधित पटवारी को वहां की प्रशासनिक प्रक्रिया, अनुशासनिक जिम्मेदारियों और अन्य विभागीय शर्तों का पालन करना होगा।
रिकॉर्ड ट्रांसफर का भी स्पष्ट निर्देश

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