
मुंबई
महाराष्ट्र की राजनीति में गुरुवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच मुंबई के एक पांच सितारा होटल में बंद कमरे में बैठक हुई। यह मुलाकात करीब एक घंटे तक चली और इसे लेकर किसी भी पक्ष ने पहले से कोई जानकारी नहीं दी थी। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) लगातार एमएनएस के साथ गठबंधन की संभावनाओं को हवा दे रही थी और ‘मराठी मानूस’ की एकजुटता की अपील कर रही थी। वहीं, एमएनएस की चुप्पी और अब भाजपा नेताओं से मुलाकात इस बात का संकेत देती है कि राज ठाकरे उद्धव ठाकरे की बजाय भाजपा और शिंदे गुट के साथ जुड़ने का मन बना रहे हैं। आपको बता दें कि 14 जून को राज ठाकरे और 13 जून को आदित्य ठाकरे का जन्मदिन है। शिवसेना (UBT) कार्यकर्ता इन तारीखों को प्रतीकात्मक एकता दिवस के रूप में पेश कर रहे थे, लेकिन यह अचानक बैठक उनके मंसूबों पर पानी फेर सकती है।
उद्धव गुट के तमाम प्रयास बेअसर
पिछले कुछ महीनों से उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और संजय राऊत समेत शिवसेना (UBT) के नेता लगातार राज ठाकरे से सार्वजनिक अपील कर रहे थे। पुराने पारिवारिक फोटो, सोशल मीडिया पोस्ट और 'सामना' में प्रकाशित भावनात्मक लेखों के माध्यम से 'मराठी अस्मिता' की एकता का संदेश दिया जा रहा था। लेकिन एमएनएस की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। हाल ही में राज के बेटे अमित ठाकरे ने भी स्पष्ट किया था कि गठबंधन मीडिया बाइट्स से नहीं बनते।
शिंदे गुट ने भी खोला दरवाजा
राज ठाकरे को भाजपा के अलावा शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से भी गठबंधन का प्रस्ताव मिला है। संजय शिरसाट, मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता ने गुरुवार को कहा, “हमने पहले भी विधानसभा चुनाव के समय गठबंधन की पेशकश की थी। आज भी हम राज साहेब को साथ आने का निमंत्रण देते हैं।” आपको बता दें कि निकट भविष्य में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव होने हैं। भाजपा और एमएनएस के साथ आने से मराठी और हिंदुत्व वोटों को साझा किया जा सकता है। पूर्व महापौर और शिवसेना (UBT) नेता किशोरी पेडनेकर ने कहा, “अभी इसपर टिप्पणी करना जल्दबाज़ी होगी। दोनों भाइयों ने पहले मतभेदों को गौण बताया है। देखते हैं आगे क्या होता है।”