झारखंड/बिहारराज्य

बिहार-मुख्यमंत्री ने की समस्तीपुर की योजनाओं की समीक्षा, किसी के साथ नहीं किया भेदभाव

पटना.

प्रगति यात्रा के दूसरे चरण के दौरान आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समस्तीपुर जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में समस्तीपुर के समाहरणालय सभाकक्ष में समीक्षात्मक बैठक की।समीक्षात्मक बैठक में समस्तीपुर जिला के जिलाधिकारी श्री रोशन कुशवाहा ने समस्तीपुर जिले के विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा से हमारा संबंध वर्ष 1995 से है। श्रद्धेय अटल बिहारीवाजपेयी जी की सरकार में हम केंद्र में मंत्री थे। वे मुझे बहुत मानते थे। उन्होंने ही मुझेबिहार का मुख्यमंत्री बनाया। हम सब मिलकर बिहार के विकास के लिए काम करते रहेंगे,बिहार को और आगे बढ़ाएंगे। जब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौकादिया, तब से बिहार की स्थिति बदली है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया गया है। हमलोग मिलकर लगातार बिहार को आगे बढ़ा रहेहैं। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार सेअधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है और 1247 कब्रिस्तानों को चिह्नित किया गया हैजिसमें 746 कब्रिस्तानों का काम लगभग पूरा हो गया है और शेष बचे कब्रिस्तानों की घेराबंदीकराई जा रही है। हमलोगों ने देखा कि मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसकोदेखते हुए मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का निर्णय लिया गया ताकि मंदिरों में चोरी कीघटनाएं न हों।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं।बिहार का कोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क,पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है जिसके कारण बिहार के किसी भीकोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटे किया गया है। इसकेलिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिएपोशाक योजना की शुरुआत की गई। वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरूकी गई थी लेकिन जब लड़कों ने मांग शुरू की तो वर्ष 2010 से उनके लिए भी साइकिलयोजना शुरू की गई। पहले काफी कम संख्या में लड़कियां पढ़ने जाती थीं। लड़कियों कोजब साइकिल दी गई तो वे समय पर स्कूल जाने लगीं और साथ ही शाम में अपनेमाता-पिता को भी बाजार ले जाती हैं। यह दृश्य देखकर काफी अच्छा लगता है। बिहार मेंबड़े पैमाने पर नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई है। स्कूल भवनों का निर्माण कराकरशिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की भीबहाली की जा रही है। इसके साथ ही नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारीमान्यता प्रदान की जा रही है। मदरसों को भी सरकारी मान्यता प्रदान की गई और वहांपढ़ानेवाले शिक्षकों को सरकारी शिक्षक के अनुरूप वेतन दिया जा रहा है।

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