
पटना,
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को पटना संग्रहालय के नवनिर्मित गंगा गैलरी, पाटली गैलरी और प्रेक्षा गृह का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने नवनिर्मित भवन का निरीक्षण किया और वहां लगाए गए प्रदर्शनों का बारीकी से अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “पटना संग्रहालय का उन्नयन एवं विस्तारीकरण कार्य बेहतर ढंग से किया जा रहा है। यह पुराना संग्रहालय है। यहां पर कई महत्वपूर्ण पुरातात्विक एवं ऐतिहासिक प्रदर्शन रखे गए हैं, उनका रखरखाव और बेहतर ढंग से हो, इसलिए भवन का विस्तारीकरण किया गया है। संग्रह को बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार सुविधाएं विकसित करने के उद्देश्य से इस संग्रहालय का विस्तार किया गया है।”
पटना संग्रहालय बिहार राज्य के सांस्कृतिक इतिहास को दर्शाता है। पटना संग्रहालय में भारत की उत्कृष्ट कलाकृतियों एवं हमारे अनमोल विरासत का संग्रह है। पहले इसमें लगभग 60,000 कलाकृतियां थीं, जिनमें से 28,470 कलाकृतियों को नवनिर्मित बिहार संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसके फलस्वरूप बिहार संग्रहालय को विश्व के उत्कृष्ट संग्रहालयों में गिना जाता है।
इस क्रम में मुख्यमंत्री ने बिहार संग्रहालय तथा पटना संग्रहालय को जोड़ने वाली निर्माणाधीन टनल का निरीक्षण कर कार्य की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने निर्माण कार्य जल्द पूर्ण करने का निर्देश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री को बिहार संग्रहालय के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने टनल से बिहार संग्रहालय में प्रवेश की व्यवस्था, पार्किंग, पर्यटकों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि टनल निर्माण का कार्य जल्द पूर्ण करें, जिससे बिहार संग्रहालय और पटना संग्रहालय के दर्शक आसानी से एक जगह से दूसरी जगह जाकर प्रदर्शनों का अवलोकन कर सकें।
उन्होंने कहा कि टनल का बेहतर ढंग से निर्माण कराएं ताकि इलेक्ट्रिक वाहन के साथ-साथ पैदल पर्यटक आसानी से पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय आवागमन कर सकें।
उल्लेखनीय है कि बिहार संग्रहालय अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया गया है। पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। पटना संग्रहालय और बिहार संग्रहालय के बीच टनल निर्माण कार्य पूर्ण होने से पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।