झारखंड/बिहारराज्य

बिहार-समस्तीपुर के अतुल सुभाष का सदमे में परिवार, परिजन बोले- ‘दहेज के एकतरफा कानून ने ली जान’

समस्तीपुर/पटना.

बेंगलुरु में इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड के बाद बात उत्तर प्रदेश तक आकर रह जा रही थी। लेकिन, इधर बिहार के समस्तीपुर में एक घर के अंदर इस खबर से कोहराम मच गया। अतुल सुभाष समस्तीपुर के पूसा के मूल निवासी थे। यहीं पढ़े-बढ़े। अब इस तरह मौत की खबर आई तो कृषि विश्वविद्यालय के कारण चर्चित पूसा इलाके में रह रहे अग्रवाल परिवार के हर आदमी के अंदर गम के साथ गुस्सा है। लोग कह रहे- "दहेज कानून सिर्फ महिलाओं के लिए है।

यह पुरुषों के साथ किस तरह अन्याय करता है, अतुल सुभाष के सुसाइड ने यही दिखाया। सरकार को जगाने की कोशिश कर वह चले गए।" यह तनाव में दी गई कुर्बानी है और अब सरकार को जागना ही पड़ेगा। कानून में सुधार करना पड़ेगा और अतुल ने कानून के जिन रखवालों पर उंगली उठाई, उनपर सुप्रीम कोर्ट को भी जांच करानी चाहिए।"

पत्नी और ससुराल वालों पर प्राथमिकी दर्ज
अतुल सुभाष के चचेरे भाई बजरंग प्रसाद का कहना है कि समस्तीपुर के बेनीबाजार में उसका घर है। अतुल बेंगलुरु में नौकरी कर रहा था। उसके ससुराल वाले लगातार उसे प्रताड़ित कर रहे थे, लेकिन यह नहीं पता था कि वह ऐसा कदम उठा लेगा। आत्महत्या करने से पहले उसने अपने माता-पिता से बातचीत की थी। 2019 में अतुल की शादी हो गई थी। इसके बाद से वह परेशान रहता था। ससुराल वालों ने उस पर दहेज प्रताड़ना समेत कई आरोप लगाते हुए केस किया था। परिजनों का कहना है कि दहेज के एकतरफा कानून ने अतुल की जान ले ली। इधर, अतुल की मौत के बाद बेंगलुरु में पुलिस ने उसकी पत्नी और ससुराल वालों पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आत्महत्या के अलावा कोई और विकल्प नहीं
इधर, अतुल की मौत के बाद अतुल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सुभाष ने मरने से पहले नौ दिसंबर को 80 मिनट का एक वीडियो और 24 पेज का पत्र सोशल मीडिया पर जारी किया था। उसने कहा था कि उसके पास आत्महत्या के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। उसने इस मौत का जिम्मेवार अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और चचेरे ससुर को बताया था। अतुल ने मरने से पहले लिखा था कि पत्नी और सास आत्महत्या के लिए उकसाती है। सास कहती है कि तुमने अब तक ससुसाइ क्यों नहीं किया? तेरे मरने के बाद मेरी बेटी का सबकुछ होगा। तुम्हारे मां-बाप भी जल्दी मर जाएंगे। पूरी जिंदगी तेरा पूरा खानदान कोर्ट के चक्कर काटेगा।' मैंने उस वक्त तो जवाब दे दिया था कि मैं मर गया तो आप लोगों की पार्टी कैसे चलेगी। लेकिन, अब मेरे पास कोई उपाय नहीं है। इसलिए मैं अपनी जान दे रहा।

मेरी अस्थियों को कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना
अतुल ने मरने से पहले कहा कि मेरे मरने के बाद मेरे शव के आसपास के पत्नी या उसके परिवार वाले न आएं। मेरा अस्थियों का विसर्जन तब तक न हो, जब तक मुझे प्रताड़ित करने वालों को सजा नहीं मिलती। मेरे माता-पिता और भाई को झूठे केस से बरी कर दिया जाए। मरने से पहले अतुल ने एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाया। अतुल ने लिखा कि केस को रफा-दफा करने के नाम पर उससे पांच लाख रुपये की मांग गई थी। अतुल ने यह भी लिखा कि मेरे मरने के बाद भी मुझे अगर मुझे न्याय नहीं मिली तो मेरी अस्थियों को कोर्ट के बाहर गटर में बहा देना। मैं इस जज की शिकायत हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मेल करने वाला हूं। मैं अपने माता-पिता और भाई से माफी मांगता हूं। माफ करना जिस उम्र में मुझे मम्मी-पापा का सहारा बनना था, उस उम्र में मैं उन्हें दुख देकर जा रहा हूं।

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