उत्तर प्रदेशराज्य

मुख्यमंत्री ने ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ के सम्बन्ध में बैठक की

मुख्यमंत्री ने ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ के सम्बन्ध में बैठक की

प्रधानमंत्री जी के ‘श्रमेव जयते’ के भाव को आत्मसात करते हुए हमें ऐसे सुधार करने होंगे, जो श्रमिकों और उद्यमियों, दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हों : मुख्यमंत्री

विधेयक को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों में संतुलन स्थापित करता हो

अनावश्यक दण्डात्मक प्राविधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना वर्तमान की जरूरत

ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाना समय की मांग

निवेश मित्र पोर्टल का नया संस्करण शीघ्र लॉन्च किया जाए, इससे ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को नई मजबूती मिलेगी

निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रणाली अपनाई जानी चाहिए

सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी और निवेशकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित हो

 लखनऊ 
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ के प्राविधानों पर चर्चा की तथा आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को और सशक्त बनाने के लिए नए कदम उठाना समय की मांग है। साथ ही, यह भी उतना ही आवश्यक है कि औद्योगिक विकास के साथ श्रमिकों की सुरक्षा और सुविधा की गारण्टी सुनिश्चित हो। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘श्रमेव जयते’ के भाव को आत्मसात करते हुए हमें ऐसे सुधार करने होंगे, जो श्रमिकों और उद्यमियों, दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हों।

मुख्यमंत्री जी ने विधेयक के नये प्राविधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि अनावश्यक दण्डात्मक प्राविधानों को समाप्त कर, उनकी जगह पारदर्शी और न्यायसंगत व्यवस्था लागू करना वर्तमान की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिए कि आपत्तियों और सुझावों पर गम्भीरता से विचार करते हुए विधेयक को ऐसा स्वरूप दिया जाए, जो उद्योग और श्रमिकों के हितों में संतुलन स्थापित करता हो। निरीक्षण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रणाली अपनाई जानी चाहिए। इन सुधारों से जहां उद्योगों का बोझ कम होगा, वहीं श्रमिकों का हित भी सुरक्षित होगा।

ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर राज्य सरकार शीघ्र ही ‘सुगम्य व्यापार (प्राविधानों का संशोधन) विधेयक, 2025’ लाने जा रही है। इसके अन्तर्गत आबकारी अधिनियम, शीरा अधिनियम, वृक्ष संरक्षण अधिनियम, राजस्व संहिता, गन्ना अधिनियम, भूगर्भ जल अधिनियम, नगर निगम अधिनियम, प्लास्टिक कचरा निस्तारण अधिनियम, सिनेमा अधिनियम तथा क्षेत्र व जिला पंचायत अधिनियम सहित कई कानूनों को अधिक व्यावहारिक स्वरूप दिया जाएगा। इनमें जहाँ पहले कारावास की सज़ा का प्राविधान था, वहां अब अधिक आर्थिक दण्ड व प्रशासनिक कार्रवाई को वरीयता देने की योजना है।

प्रधानमंत्री जी के रिफॉर्म, परफॉर्म एवं ट्रांसफॉर्म के मंत्र के अनुरूप मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश में औद्योगिक व श्रम सुधारों की दिशा में बड़े कदम बढ़ाए हैं। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर राज्य में उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 प्रतिशत आपराधिक प्राविधान समाप्त करने की तैयारी की जा रही है। शीघ्र ही, उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जो व्यावहारिकता के दृष्टिकोण से इतने बड़े पैमाने पर आपराधिक प्राविधानों को गैर-आपराधिक श्रेणी में परिवर्तित करेगा।

बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि इस विधेयक पर सम्बन्धित 14 विभागों से राय ली गई है। अधिकांश विभाग सहमत हैं, जबकि कुछ ने आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं। बैठक में श्रम कानूनों के सरलीकरण पर भी चर्चा हुई। प्रस्तावों में फैक्ट्री लाइसेन्स की अवधि बढ़ाने, दुकानों व प्रतिष्ठानों के नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने और महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने जैसे कदम शामिल हैं। 
सुधारों की शृंखला में ‘निवेश मित्र 3.0’ पर भी विचार-विमर्श हुआ। इसके तहत निवेशकों की आवेदन व अनुमोदन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बनाया जाएगा। कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और ए0आई0 चैटबॉट जैसी सुविधाएँ जोड़ी जाएंगी। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि सेवाओं की समयबद्ध डिलीवरी और निवेशकों की शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निवेश मित्र पोर्टल का नया संस्करण शीघ्र ही लॉन्च किया जाए। इससे ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को नई मजबूती मिलेगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button