
पटना
अलौली विधानसभा सीट खगड़िया लोकसभा के तहत आता है…अलौली सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट है। 1962 और 1967 में अलौली सीट पर हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट मिश्री सदा ने जीत हासिल किया था। 1969 में अलौली सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के कैंडिडेट रामविलास पासवान ने जीत हासिल कर लिया था। वहीं 1972 में अलौली विधानसभा सीट पर कांग्रेसी कैंडिडेट मिश्री सदा ने जनता का भरोसा हासिल किया था। 1977 में अलौली सीट से जनता पार्टी के कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने जीत का परचम लहरा दिया था। 1980 में कांग्रेसी कैंडिडेट मिश्री सदा ने एक बार फिर खगड़िया में विरोधियों को मात दे दिया था।
1985 में यहां से लोक क्रांति दल के टिकट पर पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल किया था। इसके बाद अलौली सीट पर पशुपति कुमार पारस ने अपना वर्चस्व बना लिया था। 1990 और 1995 में हुए विधानसभा चुनाव में अलौली सीट पर जनता दल के टिकट पर पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल किया था। वहीं 2000 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के टिकट पर पशुपति कुमार पारस ने जीत का सिलसिला कायम रखा था। 2005 में अलौली सीट से लोजपा कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने फिर से जीत हासिल कर लिया था। 2010 में जेडीयू के कैंडिडेट राम चंद्र सदा ने अलौली में विरोधियों को मात दे दिया था। वहीं 2015 में आरजेडी कैंडिडेट चंदन कुमार ने अलौली सीट पर जीत हासिल कर लिया था। 2020 में अलौली में आरजेडी कैंडिडेट रामवृक्ष सदा ने विरोधियों को मात दे दिया था।
वहीं, 2020 के चुनाव में अलौली सीट पर आरजेडी कैंडिडेट रामवृक्ष सदा ने जीत हासिल किया था। रामवृक्ष सदा को 47 हजार एक सौ 83 वोट मिला था तो जेडीयू कैंडिडेट साधना देवी 44 हजार चार सौ 10 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहीं थीं। इस तरह से रामवृक्ष सदा ने साधना देवी को दो हजार सात सौ 73 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं एलजेपी कैंडिडेट रामचंद्र सदा 26 हजार तीन सौ 86 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
वहीं, 2015 के विधानसभा चुनाव में अलौली सीट से आरजेडी कैडिडेट चंदन कुमार ने जीत हासिल किया था। चंदन कुमार को 70 हजार पांच सौ 19 वोट मिला था तो एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस को 46 हजार 49 वोट ही मिल पाया था।इस तरह से चंदन कुमार ने पशुपति कुमार पारस को 24 हजार चार सौ 70 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं सीपीआई के कैंडिडेट मनोज सदा, 7 हजार 87 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
वहीं 2010 के विधानसभा चुनाव में अलौली सीट पर जेडीयू कैंडिडेट रामचंद्र सदा ने जीत हासिल किया था। रामचंद्र सदा को 53 हजार सात सौ 75 वोट मिला था तो एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने 36 हजार दो सौ 52 वोट हासिल किया था। इस तरह से रामचंद्र सदा ने पशुपति कुमार पारस को 17 हजार पांच सौ 23 वोट से हरा दिया था। वहीं एसएचएस के कैंडिडेट हंस कुमार, 4 हजार 17 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
वहीं 2005 के विधानसभा चुनाव में अलौली सीट से एलजेपी कैंडिडेट पशुपति कुमार पारस ने जीत हासिल किया था। पशुपति कुमार पारस को 40 हजार आठ सौ 70 वोट मिला था तो आरजेडी कैंडिडेट रामवृक्ष सदा को 32 हजार दो सौ 93 वोट मिला था। इस तरह से पशुपति कुमार पारस ने रामवृक्ष सदा को 8 हजार पांच सौ 77 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं जेडीयू कैंडिडेट राज कुमारी, 14 हजार दो सौ 60 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहीं थीं।
अलौली सीट पर इस बार पासवान परिवार के दो युवा नेता चुनाव लड़ सकते हैं। चर्चा है कि चिराग पासवान अपने भांजे को यहां से चुनाव लड़ा सकते हैं। वहीं पशुपति पारस अपने बेटे को यहां से चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रहे हैं। एक ही परिवार के दो दिग्गज युवा चेहरे में जनता किसे अपना समर्थन देगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।