झारखंड/बिहारराज्य

चिराग पासवान का स्ट्राइक रेट दावा: लोजपा ने जदयू को 2 पर 17 की सीटें याद दिलाईं

पटना 
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए में सीट शेयरिंग पर अभी सहमति नहीं बनी है।इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने लोकसभा के स्ट्राइक रेट के आधार पर विधानसभा चुनाव में सीटों की मांग कर दी है। एलजेपी-आर ने अपनी सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को 2019 में 2 सांसदों के बावजूद एनडीए में 17 सीटों की याद दिलाकर सियासी पारे को गर्मा दिया है।

एलजेपी-आर के बिहार प्रभारी अरुण भारती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि आज बिहार विधानसभा में उनकी पार्टी का एक भी विधायक नहीं है। चर्चा हो रही है कि आने वाले चुनाव में लोजपा को सम्मानजनक सीटें नहीं मिलेंगी। उन्होंने दावा किया कि यह धारणा अधूरी है। असलियत यह है कि कुछ लोग LJP-R को केवल सीमित सीटों तक बांधकर देखना चाहते हैं। मानो उसकी असली ताकत और जनता में पकड़ को नजर अंदाज किया जा सकता हो।

चिराग पासवान के जीजा एवं जमुई से लोजपा (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने आगे कहा,"बिहार की राजनीति और NDA का इतिहास बार-बार इसके बिल्कुल उलट गवाही देता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सिर्फ 2 सांसद की पार्टी (जेडीयू) को लोकसभा चुनाव में 17 सीटें मिल सकती हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में जब केवल 1 सांसद वाली पार्टी को 5 सीटें दी जा सकती हैं और वह पांचों सीटों पर जीत दर्ज करके गठबंधन के भरोसे को और मजबूत कर सकती है, तब यह तर्क ही बेमानी हो जाता है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को विधानसभा चुनाव में सीमित हिस्सेदारी दी जानी चाहिए।"

अरुण भारती ने साफ कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की जमीनी पकड़, संगठन की मजबूती इस बात को साबित करती है कि पार्टी को सीमित सीटों तक बांधकर देखना गलत है। उन्होंने दावा किया किआने वाले विधानसभा चुनाव में LJP-R निर्णायक भूमिका निभाएगी और गठबंधन के भीतर उसे उसका योग्य और सम्मानजनक स्थान अवश्य मिलेगा। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में जेडीयू ने एनडीए से अलग रहकर 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था और दो पर ही जीत मिल पाई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश एनडीए में वापस आ गए थे। उस चुनाव में दो सांसदों वाली जेडीयू को एनडीए में 17 सीटें लड़ने के लिए मिली थीं। उस समय लोजपा भी गठबंधन में थी और 7 में से 6 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद लोजपा में टूट हो गई और चिराग पासवान एवं चाचा पशुपति पारस के दो अलग-अलग गुट बन गए। पारस गुट एनडीए में बना रहा और चिराग 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले अलग होकर अकेले बिहार के चुनावी मैदान में उतरे थे। हालांकि, वे कुछ खास कमाल नहीं कर पाए थे।

2024 लोकसभा चुनाव में चिराग का 100 फीसदी स्ट्राइक रेट
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले चिराग की एनडीए में वापसी हो गई और चाचा पशुपति पारस आउट हो गए। चिराग की पार्टी को एनडीए में रहकर 5 सीटें लड़ने कों मिली थीं, जिसमें सभी पर एलजेपी-आर की जीत हुई थी। अब पार्टी उसी 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट के हिसाब से बिहार विधानसभा चुनाव में जिताऊ सीटें मांग रही है।

 

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