
चंडीगढ़
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से प्रभावित सिख परिवारों का सम्मान करेंगे। इसे लेकर मुख्यमंत्री आवास के कैंप ऑफिस में एक कार्यक्रम भी रखा गया है। इन परिवारों के सदस्य सिख विरोधी दंगों में मारे गए थे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विधानसभा के मानसून सत्र में यह घोषणा करते हुए कहा था कि पीड़ित परिवार के सदस्यों को आपसी सहमति से तय करना होगा कि किस सदस्य को नौकरी दी जानी है।
दंगों में हरियाणा को बहुत नुकसान हुआ
नौकरी के लिए जिला उपायुक्त के माध्यम से हरियाणा सरकार के पास नाम भेजा जाएगा, ताकि राज्य सरकार संबंधित सदस्य को उसकी योग्यता के हिसाब से यथोचित नौकरी प्रदान कर सके।नायब सैनी ने इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद कहा कि जब वे भी हरियाणा के दौरे पर निकले तो सिख विरोधी दंगों के पीड़ित परिवार के सदस्यों ने मिलकर अपनी व्यथा सुनाई।
1984 में सिख विरोधी दंगों में प्रदेश में लगभग 20 गुरुद्वारों, 221 मकानों, 154 दुकानों, 67 फैक्ट्रियों, तीन रेल डिब्बों और 85 वाहनों को जला दिया गया था।
सरकार ने लिया पुनर्वास का जिम्मा
हरियाणा में इन दंगों में 58 व्यक्ति घायल हुए थे और 121 लोगों की मृत्यु हुई थी। पीड़ित परिवारों की व्यथा सुनने के बाद हरियाणा सरकार ने ऐसे परिवारों के पुनर्वास का जिम्मा लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पीड़ित परिवारों को आपसी सहमति से परिवार के एक सदस्य का नाम तय करना होगा, जिसे उपायुक्त मुख्य सचिव के पास भिजवाएंगे।
पंजाब चुनाव पर पड़ेगा असर
नौकरियां देने के प्रारूप, नियम और शर्तों के बारे में जल्दी ही अधिसूचना जारी की जाएगी। बता दें कि, दिल्ली सरकार ने हाल ही में 125 पीड़ित परिवारों के सदस्यों को सरकारी नौकरियों के लिए लेटर जारी किए हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की इस घोषणा को निकटवर्ती राज्य पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।