जालौर।
जालौर जिले के भीनमाल शहर के एक विद्यालय में अध्ययनरत बालिका का शिक्षक द्वारा अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के पॉक्सो एक्ट के मामले में एएसआई व एक कांस्टेबल के खिलाफ लोकसेवक के कर्तव्य का दुरुपयोग करने, लापरवाही बरतने व पीड़िता का बिना सहमति के वीडियो बनाने पर पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव ने एएसआई व कांस्टेबल को निलंबित किया है।
पुलिस अधीक्षक ने भीनमाल थाने में कार्यरत तत्कालीन एएसआई किशनलाल विश्नोई व कांस्टेबल सुरेश कुमार को निलंबित किया है। दोनों के खिलाफ 21 जनवरी को पीड़िता के पिता ने भीनमाल पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया था। पुलिस के मुताबिक पीड़िता के पिता ने 21 जनवरी को पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी नाबालिग पुत्री को एक शिक्षक ने अपहरण कर बाड़मेर ले गया था। उसके बाद उसके साथ बलात्कार किया था। इस सबंध में भीनमाल पुलिस थाने में 404/2023 में पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज था। पीड़िता को बाड़मेर से दस्तयाब करने जाने के दौरान एएसआई किशनलाल व कांस्टेबल सुरेश कुमार ने पीड़िता का बिना सहमति के वीडिया बना दिया था। इस वीडियो की अनुसंधान अधिकारी को भनक तक नहीं लगने दी एवं नहीं फाइल में लगाया। बाद में आरोपी शिक्षक के मार्फत मिलकर उसे न्यायालय में पेश किया। जिस पर न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त भी कर दिया था। एसपी ज्ञानचंद यादव ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों के खिलाफ भीनमाल थानाधिकारी को मामला दर्ज कर जांच करने के निर्देश दिए थे। जिस पर पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ। पुलिस अधीक्षक ने दोनों को निलंबित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि वीडियो अनुसंधान अधिकारी को नहीं देकर आरोपी पक्ष की ओर से कांस्टेबल सुरेश ने पेश किया। मामला दर्ज कर अनुसंधान जारी है। आरोपी शिक्षक को जमानत मिलने पर पीड़िता के पिता ने 21 जनवरी को दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ भीनमाल थाने में धारा 166 (क) (ख), 228 (क), पॉक्सो एक्ट की धारा 23 और जेजे एक्ट की धारा 74 में मामला दर्ज कराया था। एसपी ने डिप्टी से जांच करवाई थी। पिता ने एसपी को रिपोर्ट देकर बताया था कि 21 अक्तूबर 2023 को शिक्षक मंगलाराम विश्नोई ने दुष्कर्म किया था। पॉक्सो कोर्ट में कांस्टेबल सुरेश कुमार ने सशपथ बयान दिया कि 22 अक्तूबर को पीड़िता का वीडियो बनाया था। जिसे उसने एएसआई किशनलाल को दिया था।
आरोपी मंगलाराम के भी बयान हैं कि उसे वह वीडियो व्हाट्सएप ग्रुप से प्राप्त हुआ था। कांस्टेबल सुरेश व मंगलाराम की ओर से वायरल वीडियो कोर्ट में पेश किया जा चुका है। जिस दिन वीडियो बनाया गया तब तक पीड़िता के 161 व 164 के बयान नहीं हुए थे। एएसआई किशनलाल ने भी आरोपी को बचाने के लिए खुद जांच अधिकारी होते हुए वीडियो को जांच रिपोर्ट में शामिल नहीं किया कोर्ट के निर्णय से पहले वह वीडियो आरोपी को दे दिया था। बता दें कि घटना के दो माह बाद पीड़िता ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इधर, आरोपी शिक्षक को पुलिस ने 23 अक्तूबर को बाड़मेर से गिरफ्तार किया था। शिक्षक को गिरफ्तारी के बाद पाली ज्वाइंट डायरेक्टर कार्यालय ने सस्पेंड कर दिया था। पॉक्सो के मामले में अनुसंधान अधिकारी के द्वारा महिला कांस्टेबल के साथ पीड़िता से पूछताछ परिजनों की मौजूदगी में होती है। इस वीडियो को फाइल में भी लिया जाता है, जबकि एएसआई व कांस्टेबल ने बाड़मेर में पीडिता को दस्तयाब करने के दौरान ही वीडियो बना लिया, जो मुकदमें की पत्रावली में समिलित नहीं कर, आरोपी पक्ष के माध्यम से न्यायालय में पेश किया। पीड़िता ने 12 जनवरी 2024 को घर पर आत्महत्या कर दी थी। एसपी ने बताया कि पॉक्सो एक्ट के मामले में लोकसेवक के कर्तव्य का दुरुपयोग करने, लापरवाही बरतने व पीड़िता का बिना सहमति के वीडियो बनाने के मामले में भीनमाल थाने में कार्यरत तत्कालीन एएसआई किशनलाल विश्नोई व कांस्टेबल सुरेश कुमार को निलंबित किया है।