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सितंबर में कोर सेक्टर की सुस्ती: जानें किस उद्योग ने दिखाई तेजी और कौन रहा पीछे

दिल्ली 
कोर सेक्टर के ग्रोथ में सुस्ती आई है। देश के आठ प्रमुख कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर सितंबर, 2025 में तीन प्रतिशत रही। इंफ्रा सेक्टर की वृद्धि दर सालाना आधार पर सुधरी है लेकिन मासिक आधार पर इसमें सुस्ती दर्ज की गई है। अगस्त महीने में इन प्रमुख उद्योगों का उत्पादन 6.5 प्रतिशत बढ़ा था, जबकि पिछले साल सितंबर में यह वृद्धि 2.4 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान इन आठ कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर गिरकर 2.9 प्रतिशत पर आ गई। पिछली वर्ष की समान अवधि में यह 4.3 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में स्टील और सीमेंट क्रमशः 11% और 7.7% की वृद्धि के साथ विकास के वाहक बने रहे। इसके विपरीत, इसी अवधि में कोयला, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस में गिरावट दर्ज की गई।

बता दें कि आठ कोर इंडस्ट्री – कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली- मिलकर औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में 40.27% का योगदान करते हैं। अब सरकार अक्टूबर 2025 के लिए कोर सेक्टर के अगले आंकड़े 20 नवंबर को जारी करेगी।

किस क्षेत्र में कितनी बढ़ोतरी
संयुक्त उत्पादन वृद्धि दर के सकारात्मक रहने में इस्पात क्षेत्र का योगदान सबसे अधिक रहा। इसकी वृद्धि दर 14.1 प्रतिशत रही। पहली छमाही में उत्पादन 11 फीसदी बढ़ा है। सीमेंट क्षेत्र में सितंबर की वृद्धि दर 5.3 प्रतिशत और पहली छमाही की 7.7 प्रतिशत पर रही। सालाना आधार पर सितंबर में बिजली उत्पादन 2.1 फीसदी और पहली छमाही में 0.9 फीसदी बढ़ी। उर्वरक उत्पादन सितंबर में 1.6 प्रतिशत और छमाही में 0.4 प्रतिशत बढ़ा। इसके अलावा, प्राकृतिक गैस के उत्पादन में सितंबर में 3.8 प्रतिशत और पहली छमाही में 2.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पादों में भी सितंबर में 3.7 फीसदी और पहली छमाही में 0.3 प्रतिशत की गिरावट रही। कच्चे तेल का उत्पादन सितंबर में 1.3 प्रतिशत घट गया जबकि पहले छह महीने में यह गिरावट 1.1 प्रतिशत रही। कोयले का उत्पादन सितंबर में 1.2 प्रतिशत और छमाही में 0.7 प्रतिशत घट गया।छ।

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