
नई दिल्ली
भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कम से कम 276 कोविड-19 मामले सामने आए, जिससे कुल सक्रिय कोविड-19 मामलों की संख्या 4,302 हो गई, जिसमें केरल में सबसे अधिक 1,373 संक्रमण के मामले हैं। महाराष्ट्र में 510 मामले, गुजरात में 461 और पश्चिम बंगाल में 432 मामले सामने आए हैं।
सबसे अधिक 14 मौतें महाराष्ट्र में हुई
राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 457 कोविड-19 संक्रमण दर्ज किए गए हैं। देश में अब तक कुल 44 कोविड से संबंधित मौतें हुई हैं, जिनमें सबसे अधिक 14 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं। पिछले 24 घंटों में कम से कम सात मौतें हुईं, जिनमें से चार महाराष्ट्र में हुईं। गुजरात और दिल्ली में भी इस दौरान कोविड से संबंधित एक-एक मौत हुई।
DGHS नें कोविड को लेकर की समीक्षा बैठक
भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना के नए वेरिएंट के मामले को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भी अलर्ट मोड पर है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, DGHS डॉ सुनीता शर्मा ने 2 और 3 जून को कोरोना की वर्तमान स्थिति और तैयारी को लेकर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, एमरजैंसी मैनेजमेंट रिस्पांस, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विस लांस प्रोग्राम (IDSP), दिल्ली में मौजूद केंद्रीय अस्पतालों के वरिष्ठ अधिकारी और राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे. बैठक में बताया गया कि कोरोना के वर्तमान मरीजों में हल्के लक्षण हैं और ज्यादातर लोग घर पर ही ठीक हो जा रहे हैं.
केंद्र ने राज्यों से तैयार रहने को कहा
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सभी राज्यों को आक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बुधवार को बताया कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) डा. सुनीता शर्मा की अध्यक्षता में दो और तीन जून को तकनीकी समीक्षा बैठकें आयोजित की गईं।
भारत में कोरोना के मरीज हुए चार हजार से अधिक
मीडिया रिपोर्ट में छपी खबरों की माने तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी देते हुए बताया है कि भारत में इस समय कोविड-19 के 4,300 से ज्यादा मरीज हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर के लक्षण हल्के हैं और उनका इलाज घर पर ही हो रहा है. यह बयान दो दिन की समीक्षा बैठक के बाद आया, जिसमें देश की तैयारियों का जायजा लिया गया. सूत्रों ने बताया, 1 जनवरी 2025 से अब तक 44 लोगों से अधिक की कोविड-19 से मौत हुई है, लेकिन ये ज्यादातर वे लोग थे, जिन्हें पहले से ही दूसरी गंभीर बीमारियां थीं.
आइए, पिछले एक हफ्ते के आंकड़ों से समझते हैं कि भारत में कोरोना के हालात क्या सच में इतने गंभीर है, क्या वाकई चौथी लहर का खतरा है.
कोरोना केस बढ़ने की रफ्तार में कमी
30 मई को देश में 2710 एक्टिव केस थे, जो 31 मई को 25% बढ़कर 3395 हो गए. लेकिन 1 जून को यह बढ़ोतरी घटकर 11% और 4 जून को सिर्फ 7% रह गई. यानी, नए मामलों की रफ्तार धीमी पड़ रही है, जो राहत की बात है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता बरतना जरूरी है.
केरल में सबसे ज्यादा मामले,
केरल में कोरोना के सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं. 2 जून को यहां 1435 मामले थे, जो 4 जून को घटकर 1373 हो गए. 31 मई को केरल में केस 16% से ज्यादा बढ़े थे, लेकिन 1 जून को यह दर 5% से कम हो गई और 4 जून को निगेटिव ग्रोथ देखी गई. यानी नए मामले कम हो रहे हैं. लेकिन 24 घंटे में मामले बढ़े और संख्या 1487 पहुंच गई.
महाराष्ट्र में भी स्थिति नियंत्रण में
महाराष्ट्र में 526 एक्टिव केस हैं. 31 मई को यहां मामले 10% बढ़े थे, लेकिन 1 जून को यह दर 4% से कम और 4 जून को 3% रह गई. यह दिखाता है कि महाराष्ट्र में भी स्थिति धीरे-धीरे काबू में आ रही है.
गुजरात में रफ्तार ज्यादा, फिर भी कमी
गुजरात में 508 एक्टिव केस हैं. यहां 31 मई को मामले 19% और 1 जून को 21% बढ़े थे, लेकिन 4 जून को यह दर घटकर 16% हो गई. हालांकि, यह देश के औसत से ज्यादा है, फिर भी रफ्तार कम होना एक
दिल्ली में उतार-चढ़ाव
दिल्ली में 2 जून को 483 एक्टिव केस थे, जो 3 जून को घटकर 393 हुए, लेकिन 4 जून को फिर बढ़कर 457 हो गए. 31 मई को यहां मामले 27% बढ़े थे, लेकिन 4 जून को यह दर 16% रह गई. दिल्ली में स्थिति पर नजर रखने की जरूरत है. लेकिन पिछले 24 घंटे में 105 केस बढ़े और 2 मरीजों की जान गई है. जिसमें एक 5 महीने बच्चे का बच्चा और 87 वर्षीय बुजुर्ग शामिल है.
राज्यों को तैयारी पूरी करने का निर्देश
DGHS डॉ सुनीता शर्मा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा है कि वो अपने यहां ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, वेंटिलेटर और जरूरी मेडिसिन की तैयारी पूरी रखें. बैठक में सभी को जानकारी दी गईं कि आईडीएसपी के तहत राज्य और जिला निगरानी इकाइयाँ इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) की बारीकी से निगरानी कर रही हैं. दिशानिर्देशों के अनुसार सभी भर्ती एसएआरआई मामलों और 5% आईएलआई मामलों के लिए परीक्षण की सिफारिश की गईं है. वहीं, पॉजिटिव एसएआरआई सैंपल को ICMR वीआरडीएल नेटवर्क के माध्यम से संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजा जा रहा है.
4 और 5 जून को होगा मॉक ड्रिल
सूत्रों के अनुसार, बैठक में बताया गया कि ऑक्सीजन आपूर्ति प्रणालियों (पीएसए प्लांट, एलएमओ टैंक, एमजीपीएस लाइन) का आकलन करने के लिए 2 जून को एक मॉक ड्रिल की गईं थीं. लेकिन दोबारा तैयारियों को देखने के लिए 4 और 5 जून को एक और मॉक ड्रिल किया जाएगा.
कोरोना से बचाव को लेकर पब्लिक एडवाइजरी जारी
इस बैठक में देश भर में कोरोना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा के बाद पब्लिक एडवाइजरी भी जारी की गई ताकि लोग इस महामारी से बचाव कर सकें. पब्लिक एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग हाथ साफ रखें, मास्क पहने और अस्वस्थ होने पर भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें. इसके अलावा तीव्र श्वसन बीमारी वाले व्यक्तियों को स्वयं निगरानी करने को कहा गया है और स्थिति बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की अपील की गई है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कोविड की वर्तमान स्थिति को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय लगातार निगरानी बनाए रखे हुए.
कोरोना संक्रमित 44 लोगों की हुई मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 4 जून तक कुल 44 कोरोना संक्रमित लोगों की मौत हुई है. इसमें से सात लोगों की पिछलें 24 घंटे में मौत हुई है. मृतकों में दिल्ली से एक, महाराष्ट्र से चार, तमिलनाडु और गुजरात से एक -एक लोग शामिल हैं. हालांकि प्राथमिक तौर पर मरने वाले लोगों को पहले से भी कई गंभीर बीमारी थी.
केरल में सबसे ज्यादा एक्टिव केस
केरल -1373, महाराष्ट्र -510, दिल्ली -457, गुजरात- 461, पश्चिम बंगाल -432, कर्नाटक -324, तमिलनाडु -216, उत्तर प्रदेश -201, राजस्थान -90, पुडुचेरी -22, आंध्र प्रदेश -31, हरियाणा-51, मध्य प्रदेश -22, ओड़िशा- 18, झारखण्ड -9, गोवा -8, जम्मू-कश्मीर -6, छत्तीसगढ़ -15, पंजाब -12, असम -8, बिहार -22, सिक्किम – 4, अरुणाचल प्रदेश -0, तेलंगाना -3, उत्तराखंड – 2, मिजोरम -2 और चंडीगढ़ में 2 एक्टिव केस हैं.
कमजोर इम्युनिटी वाले रखें खास ख्याल
सर गंगा राम हॉस्पिटल के डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन में सीनियर कंसलटेंट प्रो. (डॉ.) एम वली नें एनडीटीवी से कहा कि अहम यह है कि जो लोग कोविड संक्रमित हैं वह आइसोलेशन में चल जाएं. वह अपने स्वास्थ्य का पूरी तरीके से ध्यान दें और सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें. उन्होंने कहा कि कोविड केस बढ़ने से कोई घबराने की जरूरत नहीं है. जरूरत है बस बचाव करने की. जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है खासकर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे, उन्हें खास ख्याल रखने की जरूरत है.
वहीं आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा है कि पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों से सैंपल की जीनोम अनुक्रमण से संकेत मिलता है कि मौजूदा वृद्धि ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट से प्रेरित है, जो अब तक हल्के प्रकृति के प्रतीत होते हैं. मई तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने LF.7 और NB.1.8 कोविड सबवेरिएंट को निगरानी में रखे जाने वाले वेरिएंट के रूप में बताया है. ये वही वेरिएंट्स हैं, जो कथित तौर पर चीन और एशिया के कुछ हिस्सों में संक्रमण में बढ़ोतरी को बढ़ावा दे रहे हैं.
गौरतलब है कि 22 मई तक देश में सिर्फ 257 कोविड केस थे लेकिन 26 मई तक ये आंकड़ा बढ़कर 1010 पर पहुंच गया. हालांकि बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स ने कहा है कि यह कोई घबराने वाली बात नहीं है.
पश्चिम बंगाल में तेजी से बढ़े मामले
पश्चिम बंगाल में भी मामले तेजी से बढ़े, लेकिन अब रफ्तार कम हो रही है. 4 जून को यहां 60 नए मामले दर्ज किए गए, और कुल एक्टिव केस की संख्या में कमी के संकेत मिल रहे हैं.
क्या है चौथी लहर का सच?
हालांकि मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि चौथी लहर की संभावना कम है. नए वेरिएंट JN.1 के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन ज्यादातर मरीजों में लक्षण हल्के हैं और वे घर पर ही ठीक हो रहे हैं. अस्पतालों में भर्ती की दर भी कम है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी सलाह दी है कि यात्रा या व्यापार पर पाबंदी की जरूरत नहीं है.
कोरोना से बचाव के लिए क्या करें?
हाथों की नियमित सफाई और खांसते-छींकते समय मुंह ढकें.
बीमार होने पर भीड़-भाड़ से बचें और मास्क पहनें.
लक्षण बिगड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज जरूर लें.