
पंजाब
छाती के पास किसी गांठ होने पर इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह अनदेखा करने पर छाती का कैंसर बन सकता है। देर से शादी करना भी इसके प्रमुख कारणों में सामने आया है। उक्त जानकारी कैंसर विशेषज्ञ प्रो. जे.एस. ठाकुर ने दी। उन्होंने कहा कि अक्सर शुरुआत में दर्द नहीं होता, जिस कारण इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह आगे जाकर खतरनाक रूप ले सकता है। महिलाओं में छाती के कैंसर की दर अधिक है। उन्होंने इसके पीछे आधुनिक बदलती जीवनशैली और गलत खान-पान को बड़ा कारण बताया है।
पंजाब में भी ब्रेस्ट कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच सालों में इस बीमारी के मरीजों में लगभग 11% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि कई महिलाएं इस बीमारी के कारण अपनी जिंदगी गंवा चुकी हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने महिलाओं को समय पर स्क्रीनिंग और नियमित जांच कराने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, किसी भी तरह की असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जीवनशैली में सुधार लाएं।
आंकड़े इस प्रकार हैं:
2019 – 6,037
2020 – 6,192
2021 – 6,347
2022 – 6,507
2023 – 6,667
40 साल के बाद जरूर करवाएं मैमोग्राफी
25 से 39 साल की उम्र में छाती की नियमित जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर की सलाह के अनुसार 40 साल की उम्र के बाद मैमोग्राफी करवाएं। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस बीमारी से लड़ सकते हैं। इसके अलावा सिगरेट और शराब छोड़ना, अच्छा खान-पान और व्यायाम के माध्यम से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। खान-पान में अधिक फल, सब्जियां, फाइबर से भरपूर भोजन और कम वसा वाला भोजन शामिल करना चाहिए। नियमित व्यायाम करें। सप्ताह में कम से कम 150 मिनट व्यायाम करें। मोटापा कम करें, क्योंकि अधिक वजन होने से छाती के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि परिवार में पहले किसी को छाती का कैंसर हुआ हो, तो डॉक्टर से सलाह लें।