
लंदन
कथावाचक और बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को ब्रिटेन की संसद में सम्मानित किया गया. उन्हें सांसदों के एक समूह द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, जहां संसद परिसर के एक विशेष कक्ष में यह सम्मान समारोह आयोजित हुआ.
यह सम्मान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर को मानवता के लिए उनके कार्यों, वैश्विक प्रेम, शांति और सामंजस्य के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रदान किया गया.कार्यक्रम में यूके की सांसद सीमा मल्होत्रा, हैरो सिटी की मेयर अंजना पटेल, सांसद बॉब ब्लैकमैन और हाउस ऑफ लॉर्ड्स की सदस्य बारोनेस वर्मा मौजूद थीं.
मानवता के कार्यों के लिए सांसद समूह ने किया शास्त्री का सम्मान
लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में आयोजित इस विशेष समारोह में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भारत में गरीब कन्याओं के विवाह समारोह, हर दिन हजारों लोगों के लिए अन्नपूर्णा सेवा और जरूरतमंद मरीजों के लिए कैंसर अस्पताल निर्माण जैसे कार्यों की सराहना की गई.
इस अवसर पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि उनके सभी कार्यों की प्रेरणा भारतीय शास्त्रों और संस्कृति से मिलती है, जो नर को नारायण मानकर सेवा का संदेश देती है. उन्होंने लंदनवासियों को बागेश्वर धाम आने का न्यौता भी दिया.
धीरेंद्र शास्त्री के कार्यों की सराहना की
कार्यक्रम में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कार्यों की सराहना की गई। उनके द्वारा भारत में गरीब बेटियों के विवाह, हजारों लोगों के लिए अन्नपूर्णा सेवा और जरूरतमंद मरीजों के लिए कैंसर अस्पताल बनाने जैसे कार्यों की चर्चा हुई। इस मौके पर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपने शास्त्रों और भारतीय संस्कृति से मिलती है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति में 'नर को ही नारायण मानकर सेवा' का संदेश दिया गया है।
बागेश्वर धाम आने का न्यौता
इस कार्यक्रम में ब्रिटेन की सांसद सीमा मल्होत्रा, हैरो शहर की मेयर अंजना पटेल, सांसद बॉब ब्लैकमैन, हाउस ऑफ लॉर्ड्स की सदस्य बैरोनेस वर्मा मौजूद थीं. इस अवसर पर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि उन्हें इन सभी कार्यों की प्रेरणा उनके धर्मग्रंथों और भारतीय संस्कृति से मिलती है जिसमें नर को नारायण मानकर सेवा का संदेश दिया जाता है. लंदन में इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने सभी भारतीयों और लंदनवासियों को बागेश्वर धाम आने का निमंत्रण भी दिया. उन्होंने आगे कहा कि 'भारतीय जीवन पद्धति और सनातन का मार्ग ही विश्व शांति का सर्वोत्तम मार्ग है. एक सनातनी ही पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और उसके कल्याण की कामना करता है. हमें ऐसी महान संस्कृति को समझने और अपनाने की आवश्यकता है'.
बागेश्वर धाम आने का न्यौता दिया
उन्होंने लंदन में एक भाषण दिया और सभी भारतवंशियों और लंदन के लोगों को बागेश्वर धाम आने का न्यौता दिया। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि विश्व शांति के लिए भारतीय जीवनशैली और सनातन धर्म सबसे अच्छा रास्ता है। उन्होंने यह भी कहा कि एक सनातनी पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है और सबके कल्याण की कामना करता है। हमें अपनी संस्कृति को समझने और अपनाने की जरूरत है।
हनुमान चालीसा का हुआ पाठ
ब्रिटेन की संसद में हनुमान चालीसा का पाठ हुआ। कभी यहाँ भारत की बात नहीं सुनी जाती थी, लेकिन आज यहां हनुमान चालीसा गूंज रही है। बागेश्वर महाराज की मौजूदगी में सांसदों और अन्य लोगों ने मिलकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। महाराज ने कहा कि सुभाष शुक्ला ने जो संदेश दिया, उसे सबको याद रखना चाहिए।
गीता पढ़कर हिंदू हो गए
ब्रिटेन की संसद में पाकिस्तानी मूल के मोहम्मद आरिफ ने कहा कि उनका जन्म पाकिस्तान में हुआ था, लेकिन भगवत गीता पढ़कर वे हिंदू हो गए हैं। उन्होंने धीरेन्द्र शास्त्री से पूछा कि क्या हिंदू होने के लिए नाम बदलना जरूरी है? क्या बिना नाम बदले हिंदू नहीं हो सकते?पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने जवाब दिया कि हिंदू धर्म एक मानवता की विचारधारा है। यदि आप भागवत गीता पढ़ रहे हैं, तो आपका इतना ही परिचय काफी है। दिल में विचार बदल गए तो आप सनातनी हो गए।
बागेश्वर धाम में ली जाएंगी सेवाएं
एक सवाल के जवाब में बागेश्वर महाराज ने कहा कि जो लोग भी दुनिया में मानवता के लिए काम कर रहे हैं, उनकी सेवाएं बागेश्वर धाम में ली जाएंगी। इससे गरीबों की समस्याएं हल करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कैंसर अस्पताल बनने के बाद डॉक्टरों का दल उसे चलाएगा। साथ ही, दुनिया के विशेषज्ञ डॉक्टरों को सेमिनार के माध्यम से बागेश्वर धाम बुलाकर गरीबों की सेवा का मौका दिया जाएगा।
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर लंदन में विश्व शांति के लिए रोजाना हवन पूजन कर रहे हैं. इससे विश्व में शांति और सद्भावना बनी रहे. बाबा बागेश्वर ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि हम भारत से इतनी दूर हैं, लेकिन दिल के बहुत करीब हैं। उन्होंने कहा कि वे लोगों को देखकर समझ रहे हैं, लेकिन उन्हें ज्यादा अंग्रेजी नहीं आती है। उन्होंने कहा कि अगर लंदन लोगों की कर्मभूमि है, तो दोनों देशों का प्रेम बना रहे।