
छतरपुर
कथावचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर से पदयात्रा निकालने की तैयारी में हैं. बाबा बागेश्वर की यह दूसरी पदयात्रा होगी. इससे पहले भी वो पिछले साल नवंबर में बागेश्वर धाम से ओरछा तक 160 किलोमीटर की पदयात्रा निकाल चुके हैं. इस पदयात्रा को 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा' नाम दिया गया है. इस पदयात्रा पर सुझाव और सहयोग के लिए उन्होंने अपने धाम में 'मीडिया संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया. जहां उन्होंने मीडिया से आग्रह किया की इस पदयात्रा में जरूर शामिल हो और इसे देश के कोने-कोने तक पहुंचाएं.
दिल्ली से वृंदावन की पदयात्रा करेंगे धीरेंद्र शास्त्री
बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग को लेकर चर्चा में रहते हैं. वो सनातन धर्म से जुड़े कुछ न कुछ काम हमेशा करते रहते हैं. अब वो दोबारा पदयात्रा पर निकलने की तैयारी में हैं. धीरेंद्र शास्त्री आगामी 7 नवंबर से 18 नवंबर तक दिल्ली से वृंदावन तक की पदयात्रा की तैयारी में हैं. उनका कहना है कि "यह यात्रा राजपीठ से धर्मपीठ तक की है. पहले भारत को जोड़ेंगे फिर भारत को अखंड बनाएंगे. इस पदयात्रा का मूल उद्देश्य जाति-पाति की दीवार तोड़कर सबको हिंदू राष्ट्र के लिए एक करना है."
सात राज्यों के पत्रकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हुए शामिल
धीरेंद्र शास्त्री ने इस पदयात्रा को लेकर अपने धाम में मीडिया मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में करीब 7 राज्यों यूपी, एमपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, बिहार, दिल्ली और गुजरात के पत्रकार, यूट्यूबर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर शामिल हुए. पत्रकारों को यात्रा के संबंध में आवश्यक सुझाव भी लिए गए.
बाबा बागेश्वर ने इस दौरान एक क्यूआर कोड लॉन्च किया और यात्रा का लोगों भी जारी किया. उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए कहा, "इस सनातन हिंदू एकता पदयात्रा को जन-जन तक पहुंचाएं, क्योंकि भारत को जोड़ने में मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण है."
क्यूआर स्कैन करके यात्रा के लिए कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन
क्यूआर कोड के माध्यम से सनातन हिंदू एकता पदयात्रा में जाने के लिए पंजीयन हो सकेगा. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, "यह यात्रा पूर्ण रूप से आध्यात्मिक यात्रा है. धर्म को बचाने के लिए गांव-गांव के लोगों को यात्रा में शामिल करने के उद्देश्य से क्यूआर जारी हुआ है, ताकि लोग कहीं से भी इसे स्कैन कर अपना पंजीयन कर सके." उन्होंने कहा, "लाखों लोग ऐसे हैं जिनसे मुलाकात नहीं हो पाती, लेकिन यह यात्रा ऐसे ही लोगों के लिए है. जिससे वे मिलेंगे उससे भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए प्रेरित करेंगे."