
वाशिंगटन
भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए चार दिवसीय संघर्ष को लेकर अब अमेरिकी इंडो-पैसिफिक कमांड की वेबसाइट और अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंकों की रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं। इन रिपोर्टों के मुताबिक, पाकिस्तान के पास मौजूद चीनी हथियार और एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं। भारत के ऑपरेशन सिंदूर ने PAF (पाकिस्तान वायुसेना) के 20% बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया और कई एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया गया।
चीनी सिस्टम हुए बेअसर, भारत की मिसाइलों ने तोड़े बचाव
टोरंटो स्थित कुवा डिफेंस न्यूज एंड एनालिसिस ग्रुप के संस्थापक बिलाल खान ने कहा कि पाकिस्तान को चीन से मिले एयर डिफेंस सिस्टम "उतनी प्रभावी नहीं रहे जितनी उम्मीद की गई थी।" भारतीय वायुसेना की मिसाइलें HQ-9 और HQ-16 जैसे चीनी डिफेंस सिस्टम को पार करती हुई टारगेट्स तक पहुंचीं। लंदन के एशिया-पैसिफिक फाउंडेशन के सज्जन गोहेल ने CNN को बताया कि यदि रडार और मिसाइल सिस्टम भारतीय हमलों का पता नहीं लगा सके, तो इससे बीजिंग की हथियार डिप्लोमेसी को भारी झटका लगा है।
अमेरिकी सैटेलाइट्स से हुआ भारत के दावे का सत्यापन
अमेरिकी रक्षा एजेंसियों द्वारा जारी सैटेलाइट इमेजेस से पुष्टि हुई है कि भारत ने पाकिस्तान के नूर खान, भोलारी, मियांवाली, मस्रूर जैसे प्रमुख एयरबेस पर हमले किए और उन्हें नुकसान पहुंचाया। मीडिया प्लेटफॉर्म्स ने बताया कि भारत की सटीक और प्लान्ड स्ट्राइक से पाकिस्तान की हाई वैल्यू सैन्य संपत्तियां भी खतरे में आईं। ब्रह्मा चेलानी ने लिखा कि भारत ने एक SAAB-2000 AEW&C सिस्टम को 314 किमी दूर से मिसाइल से गिराया, जो ऐतिहासिक है।
पाकिस्तान के पास भरोसे के लायक कुछ नहीं बचा
भारत के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने चीनी हथियारों पर बहुत भरोसा जताया था PL-15E एयर-टू-एयर मिसाइल, HQ-9 SAM सिस्टम, और CM-401 हाइपरसोनिक मिसाइल लेकिन सबका प्रदर्शन निराशाजनक रहा। इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने एक ही रात में 400 से ज्यादा ड्रोन भारतीय क्षेत्र की ओर दागे, लेकिन कोई खास नुकसान नहीं कर पाया। भारतीय रक्षा प्रणालियों ने ज्यादातर को इंटरसेप्ट कर लिया।
पाकिस्तान को मिला सबक, चीन की साख पर बड़ा सवाल
भारतीय डिफेंस एक्सपर्ट मेजर जनरल जीडी बख्शी ने कहा कि भारत का इंटीग्रेटेड एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिका, इज़राइल और रूस के बराबरी का है और चीनी तकनीक से कहीं आगे है। उन्होंने कहा, "हमने पाकिस्तान के एयर डिफेंस को ध्वस्त कर दिया।"यह संघर्ष सिर्फ भारत की सैन्य ताकत का प्रदर्शन नहीं था, बल्कि चीन के हथियारों की विश्वसनीयता पर भी अंतरराष्ट्रीय सवाल खड़े करता है। पाकिस्तान की सेना अब स्पष्ट रूप से चीनी डिपेंडेंसी पर पुनर्विचार करने को मजबूर हो सकती है।