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दिशा पाटनी हाउस शूटआउट: भिवानी कोर्ट मर्डर और पुर्तगाल लिंक से जांच में हलचल

बरेली

हरियाणा के भिवानी कोर्ट परिसर में हाल ही में जिन शातिरों ने गोली मारकर युवक की हत्या की थी, अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग में भी उनका हाथ हो सकता है। दोनों मामलों में गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गैंग का नाम सामने आया है।

एक ही आईडी से सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर दोनों वारदातों की जिम्मेदारी भी ली गई है। दोनों वारदातों में समान आरोपियों के शामिल होने की आशंका में पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़ रही है। जल्द ही पुलिस की एक टीम हरियाणा और दूसरी दिल्ली के लिए रवाना की जाएगी।

जिस फेसबुक आईडी से अभिनेत्री के घर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली गई थी, उसे उसी दिन शाम को बंद कर दिया गया। एक धमकी भरा ऑडियो डालने के बाद संबंधित अकाउंट भी डिलीट कर दिया गया। पुलिस ने आईडी को ट्रेस किया तो उसका जुड़ाव पुर्तगाल से मिला।

अब बरेली व हरियाणा पुलिस की संयुक्त जांच में सामने आया है कि भिवानी कोर्ट परिसर में चार सितंबर को गैंगस्टर हरि उर्फ हरिया के साथी की हत्या कर दी गई थी। इसकी जिम्मेदारी रोहित गोदारा के गुर्गे वीरेंद्र चारण, नवीन बॉक्सर और सोनू उर्फ तिवारी जींद ने ली थी।

अभिनेत्री के घर फायरिंग में भी वीरेंद्र चारण और उसके साथियों का नाम आ रहा है। दोनों मामलों में धमकी देने के लिए रोहित गोदारा गोल्डी बरार नाम की आईडी का प्रयोग किया गया है।

सर्विलांस व साइबर सेल ने इस मामले में काफी इनपुट जुटाए हैं। अब इन पर दबिश की जरूरत है। जल्द ही बरेली पुलिस की टीम हरियाणा जाकर भिवानी में हुई वारदात में शामिल आरोपियों से बरेली में फायरिंग करने वाले आरोपियों की तस्दीक करेगी। अधिकारियों को उम्मीद है कि दोनों ही मामलों में वीरेंद्र चारण के शूटर शामिल हो सकते हैं।

हाई प्रोफाइल मामले का संज्ञान लेकर सीएम के ओएसडी राजभूषण सिंह ने फोन कॉल कर अभिनेत्री के पिता जगदीश चंद्र पाटनी से बात की। जगदीश चंद्र पाटनी ने बताया कि बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आरोपी बच नहीं सकेंगे। उप्र पुलिस उनको पाताल से भी निकाल लाएगी। आपके परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है, आप बिल्कुल निश्चिंत रहें।
 
पुलिस के मुताबिक कुछ अकाउंट चिह्नित भी किए गए हैं, जिनसे 29 जुलाई को खुशबू पाटनी के बयान वाले वीडियो पर खराब कमेंट किए गए हों। इनसे हमला करने वालों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।

 मीडिया सेल को जिम्मेदारी दी गई है कि वह इस गिरोह के अलग-अलग प्रदेशों में गिरफ्तार सदस्यों के संबंध में दो साल पहले तक की न्यूज क्लिप जुटाकर उसमें से फैक्ट निकाले।

 रात में खुलने वाली दुकानों की सूची तैयार कर पुलिस ने उन पर काम करने वालों से बात की है, ताकि घटना कर भागते आरोपियों के बारे में जानकारी मिल सके।

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