मध्य प्रदेशराज्य

सतना पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की सक्रियता से दूल्हे को बगैर दुल्हन के ही लौटना पड़ा

सतना

 सतना जिला अक्सर सुर्खियों में बना रहता है। एक बार फिर यहां जिला प्रशासन द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए नाबालिग का विवाह रुकवाया गया है। साथ ही समझाइश दी गई। इसके बाद दूल्हे को बिना दुल्हन ही घर वापस लौटना पड़ा। अब यह खबर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।

दरअसल, मामला सिंहपुर थाना क्षेत्र के खम्हरिया खुर्द का है, जहां नाबालिग का विवाह उसकी मर्जी के खिलाफ करवाया जा रहा था। शादी की पूरी तैयारी हो चुकी थी, गुजरात से बारात भी आ चुकी थी। इसी बीच पुलिस की कार्रवाई से शादी रुकवा दी गई।
17 साल 6 महीने है उम्र

सूत्रों के अनुसार, ग्रामीणों ने यह सूचना पुलिस को दी। वहीं, तहसीलदार सौरभ मिश्रा ने मामले में तत्परता दिखाते हुए राजेश चौधरी के घर पर पहुंचकर शादी रुकवा दी। जांच पड़ताल के दौरान युवती के आधार कार्ड और मार्कशीट से पता चला कि उसकी उम्र 17 साल 6 महीने है।

आगे की कार्रवाई जारी

बता दें कि राजेश चौधरी अपनी नाबालिग भांजी की शादी गुजरात में रहने वाले जेठालाल के बेटे अकारा के साथ तय कर दी थी। फिलहाल, दान-दहेज से जुड़ी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि युवती के माता-पिता का निधन हो चुका है और वह अपने मामा राजेश के पास रहती है। जिसकी शादी 11 दिसंबर को तय की गई थी और बारात भी आ चुकी थी। इसी बीच जानकारी लगते ही पुलिस की टीम दल-बल के साथ मौके पर पहुंची और यह कार्रवाई की। साथ ही आगे की वैधानिक प्रक्रिया जारी है।

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे कई मामले

आज भी मध्य प्रदेश के कई जिले ऐसे हैं, जहां बाल विवाह का चलन जारी है। अभी भी कुछ गांवों में नाबालिग युवतियों का बाल विवाह करवा दिया जाता है। जिसकी खबरें आए-दिन सुनने को मिलती रहती है। वहीं, सतना जिले से भी कई बार ऐसे मामले भी सामने आ चुके हैं, जब पुलिस और महिला बाल विकास विभाग की सक्रियता से दूल्हे को बगैर दुल्हन के ही लौटना पड़ा है।

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