झारखंड/बिहारराज्य

आज शाम 4 बजे चुनाव आयोग की PC, बिहार विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का होगा ऐलान

पटना 

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) आज शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए तारीखों और शेड्यूल की आधिकारिक घोषणा करेगा. उम्मीद लगाई जा रही हैं कि बिहार में दो चरणों में मतदान हो सकता है. वहीं, रविवार को पटना में आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट कर दिया था कि आगामी विधानसभा चुनाव 22 नवंबर से पहले संपन्न हो जाएगी, क्योंकि 22 नवंबर को वर्तमान कार्यकाल समाप्त हो रहा है.

आयोग ने 4 और 5 अक्टूबर को बिहार का दौरा किया, जहां मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने राजनीतिक दलों, अधिकारियों, पुलिस और सिविल सोसाइटी से मुलाकात की. इस दौरान कानून-व्यवस्था, व्यय निगरानी और मतदान केंद्रों की व्यवस्था पर चर्चा हुई. राजनीतिक दलों ने चरणों की संख्या पर सुझाव दिए और आयोग ने छठ पूजा (18-28 अक्टूबर) और दिवाली को ध्यान में रखते हुए शेड्यूल तैयार किया है. मतदान संभवतः छठ के बाद अक्टूबर-नवंबर में होगा जो 2020 की तरह कम चरणों में हो सकता है. प्रत्येक बूथ पर केवल 1,200 मतदाताओं की अनुमति होगी.

राजनीतिक दलों की आयोग से अपील

वहीं, राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के साथ बैठक में छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव कराने की अपील की है जो अक्टूबर के अंत में मनाया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके, क्योंकि बड़ी संख्या में बाहर काम करने वाले लोग त्योहारों के लिए अपने-अपने घर लौटते हैं.

22 साल बाद हुआ वोटर लिस्ट का शुद्धीकरण

इससे पहले बिहार दौरे के बाद पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण से 22 साल बाद मतदाता सूची का शुद्धिकरण हुआ है. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कई नई पहल की जा रही हैं, जिन्हें आने वाले समय में पूरे देश में दोहराया जाएगा.

मुख्य चुनाव आयुक्त ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा के चुनावों में शुरू की जा रही कई पहलों के बारे में भी बताया, जिसमें अनुसूचित जातियों के लिए 38 निर्वाचन क्षेत्र और अनुसूचित जनजातियों के लिए दो अन्य आरक्षित हैं.

इन पहलों में, जिन्हें समय आने पर पूरे देश में दोहराया जाएगा, एक नई मानक संचालन प्रक्रिया शामिल है, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि पंजीकरण के 15 दिनों के अंदर मतदाताओं को ईपीआईसी कार्ड वितरित किए जाएं और मतदान केंद्रों पर मोबाइल जमा सुविधा भी शामिल है.

एक मतदान केंद्र पर होंगे 1200 मतदाता

सीईसी ने कहा, 'मतदान केंद्रों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए ये फैसला लिया गया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1,200 से ज़्यादा मतदाता नहीं होंगे. मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए मतदान केंद्रों पर मोबाइल डिपॉज़िट सुविधा शुरू की जा रही है.'

हर बूथ की होगी वेबकास्टिंग

उन्होंने कहा, 'अन्य नई सुविधाओं में सभी मतदान केंद्रों पर 100 प्रतिशत वेबकास्टिंग और ईवीएम डेटा में विसंगति की शिकायत के मामले में वीवीपीएटी पर्चियों का अनिवार्य सत्यापन शामिल है.' उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि चुनाव प्रक्रिया 22 नवंबर से पहले पूरी कर ली जाएगी, जब वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है.

आपको बता दें कि बिहार चुनाव में सत्ताधारी एनडीए (बीजेपी-जेडीयू) और महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी इस बार मैदान में है. इस विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी, प्रवासन और स्थानीय मुद्दे प्रमुख होंगे. आयोग ने जेल में बंद व्यक्तियों के नामांकन पर संसदीय कानूनों का हवाला देते हुए फैसला लेने की बात कही.

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button