
नई दिल्ली
एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा स्टारलिंक, ऑनलाइन धोखाधड़ी करने का जरिया बन रही है। एक रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण पूर्व एशिया में "स्कैम कंपाउंड" चलाने वाले अपराधी, स्टारलिंक की सैटेलाइट इंटरनेट डिश का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बारे में अमेरिका के कैलिफोर्निया के एक प्रोसिक्यूटर ने पिछले साल मस्क की कंपनी को पत्र भेजा था। वह पत्र स्टारलिंक की मूल कंपनी स्पेसएक्स को भेजा गया था। इसमें कहा कहा गया था कि कंपनी को उन खास इलाकों में अपनी सर्विस बंद कर देनी चाहिए, जहां साइबर अपराध के लिए स्टारलिंक डिश का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि पत्र का कोई जवाब नहीं दिया गया।
स्पेस एक्स ने नहीं दिया लेटर का जवाब
ABC News की रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया की पूर्व डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी एरिन वेस्ट ने पत्र लिखा था। उन्होंने एबीसी न्यूज को बताया कि स्पेस एक्स ने लेटर का कोई जवाब नहीं दिया। रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन से जुड़े संगठित अपराध समूह स्टारलिंक की हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी को इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षा प्रोटोकोल को अनदेखा कर रहे हैं। बीते कुछ साल में ऐसी कई सूचनाएं मिली हैं, जिनमें अपराधी स्टारलिंक सैटेलाइट डिश का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ऑनलाइन बेचे जा रहे स्टारलिंक के उपकरण
रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑनलाइन विक्रेता, दूर-दराज के एरिया में स्कैम कंपाउंड चलाने वाले अपराधियों को स्टारलिंक के उपकरण बेच रहे हैं। रिपोर्ट में बेनेडिक्ट हॉफमैन नाम के एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि टेलिग्राम के जरिए स्टारलिंक की सेवाओं का प्रचार किया जा रहा है। यह जानकारी ऑनलाइन स्कैम सेंटर चलाने वालों तक पहुंच रही है।
म्यांमार में की जा चुकी है उपकरणों की जब्ती
अधिकारी यह मान रहे हैं कि ऑनलाइन धोखाधड़ी के लिए स्टारलिंक का इस्तेमाल करना चिंता का विषय है। म्यांमार में ऐसे उपकरणों को जब्त किया गया है। जाहिर तौर पर म्यांमार में ऐसे उपकरण आसपास के देशों से पहुंचाए जा रहे हों, जहां स्टारलिंक की सर्विस मौजूद है। गौरतलब है कि हाल ही में म्यांमार में एक बड़े ऑनलाइन स्कैम सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। वहां बड़ी संख्या में चीनी और भारतीय नागरिक की मौजूदगी पाई गई थी।
2019 में लॉन्च की गई थी स्टारलिंक की इंटरनेट सर्विस
स्टारलिंक का दायरा पूरी दुनिया में तेज हो रहा है। इसे एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने साल 2019 में डेवलप किया था। स्टारलिंक का मसकद दुनिया के उन हिस्सों में इंटरनेट पहुंचाना है, जो कनेक्टिविटी से दूर हैं। यूक्रेन, गाजा के युद्ध प्रभावित इलाकों में तक स्टारलिंक के सैटेलाइट इंटरनेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि नई रिपोर्ट ने इसके बेजा इस्तेमाल पर चिंता को बढ़ा दिया है।