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वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2025 में 2.8%, 2026 में 3.0% बढ़ने का अनुमान: RBI

नई दिल्ली

भारतीय रिजर्व बैंक ने वर्ष 2024-25 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में ऐसी जानकारी दी है, जो अर्थव्यवस्था के लिए खुशी की बात है। आरबीआई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था अपने मजबूत आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों, मजबूत वित्तीय क्षेत्र और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के कारण 2025-26 में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहेगी।

आरबीआई की मानें तो उपायों के बाद वैश्विक व्यापार के बारे में अनिश्चितता, दीर्घकालिक भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक वित्तीय बाजार में अस्थिरता से विकास की संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा बना हुआ है। वहीं मुद्रास्फीति की संभावनाओं पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इस रिपोर्ट के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था 2025-26 के दौरान सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी स्थिति बनाए रखने के लिए तैयार है, जिसे निजी खपत में वृद्धि, बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट, वित्तीय स्थिति में सुधार और सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय पर निरंतर जोर देने से समर्थन मिलेगा।"

केंद्रीय बैंक (Reserve Bank of India) ने FY25 की सालाना रिपोर्ट जारी कर दी है. 29 मई को जारी अपनी रिपोर्ट में आरबीआई ने FY26 में महंगाई में कमी होने का अनुमान लगाया है. साथ ही GDP ग्रोथ 6.5% रहने की संभावना जताई है. जानिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में और क्‍या कहा.

बैलेंसशीट 8.2% बढ़कर 76.25 लाख करोड़

RBI ने FY25 के लिए सालाना रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि FY25 में बैलेंस शीट में 8.2% की बढ़ोतरी हुई है. बैलेंसशीट 8.2% बढ़कर 76.25 लाख करोड़ हो गई है. बैलेंसशीट में घरेलू एसेट की हिस्सेदारी 25.73% Contingency Fund के लिए 44,860 करोड़ की राशि मुहैया कराई. FY25 में फॉरेक्स ट्रांजैक्शन से 1.11 लाख करोड़ की कमाई की.

महंगाई में और कमी आने की उम्‍मीद

आरबीआई ने रिपोर्ट में कहा कि FY26 में महंगाई लक्ष्य के करीब बढ़ रहे हैं. ऐसे में महंगाई में और कमी देखने को मिलेगी. FY26 में MPC फ्रेमवर्क की समीक्षा करेंगे. FY26 में ऑपरेशंस स्ट्रैटेजी के लिए फाइनेंशियल मार्केट का एनालिसिस. FY25 में केंद्र, राज्य स्तर पर फिस्कल कंसोलिडेशन जारी रहा. NBFC के लिए इनहाउस लिक्विडिटी स्ट्रेस टेस्ट फ्रेमवर्क लाएंगे.

GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान

ग्लोबल मार्केट में उठापटक का ग्रोथ पर असर पड़ा है. FY26 में GDP ग्रोथ 6.5% रहने का अनुमान है. लिक्विडिटी मैनेजमेंट फ्रेमवर्क के समीक्षा को हासिल करने की योजना है. अर्थव्यवस्था के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी मुहैया कराएंगे. 2025 में जियोपॉलिटिकल तनाव से ग्लोबल ग्रोथ पर असर पड़ा है. इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लैटफॉर्म अथॉराइजेशन के लिए फ्रेमवर्क को जल्‍द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. Q4 में मांग में सुधार देखने को मिला. ग्रोथ पर असर के आकलन के लिए ग्रोथ एट रिस्क मॉडल विकसित करेंगे. NBFC के एक्सटर्नल बेंचमार्क लिंक्ड लोन की जांच करेंगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी और मार्च 2025 में मुद्रास्फीति लक्ष्य से नीचे आ जाएगी, जिसे खाद्य मुद्रास्फीति में तीव्र गिरावट का समर्थन प्राप्त है, अब 12 महीने की अवधि में 4 प्रतिशत के लक्ष्य के साथ मुख्य मुद्रास्फीति के टिकाऊ संरेखण के बारे में अधिक विश्वास है। इसमें कहा गया है, "सौम्य मुद्रास्फीति परिदृश्य और मध्यम वृद्धि के कारण मौद्रिक नीति को वृद्धि को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए, साथ ही तेजी से विकसित हो रही वैश्विक समष्टि आर्थिक स्थितियों के प्रति भी सतर्क रहना चाहिए।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि लम्बे समय तक भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं, वैश्विक वित्तीय बाजार में अत्यधिक अस्थिरता, व्यापार विखंडन और प्रतिबंधात्मक व्यापार नीतियां मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा करती हैं। वित्तीय बाजारों के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि 2025-26 के दौरान बाजार अमेरिका की टैरिफ नीतियों और अन्य देशों द्वारा उठाए गए पारस्परिक कदमों के प्रभावों पर करीबी नजर रखेंगे, क्योंकि अनिश्चित नीतिगत माहौल वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता पैदा कर सकता है।

वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में सुधार के बाद, स्थिर व्यापक आर्थिक स्थितियों और इक्विटी बाजार मूल्यांकन में नरमी के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों के लचीले बने रहने की उम्मीद है, हालांकि भू-राजनीतिक अनिश्चितता के कारण गिरावट का जोखिम बना हुआ है। इसमें कहा गया है कि द्वितीयक बाजार की धारणा स्थिर होने के साथ ही प्राथमिक बाजार के माध्यम से संसाधन जुटाने में फिर से तेजी आने की उम्मीद है।

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