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हरियाणा का 7 लाख का इनामी बादली गिरफ्तार, 7 साल तक कंबोडिया में छिपा था

गुरुग्राम

गैंगस्टर मैनपाल बादली को कंबोडिया से भारत प्रत्यर्पित कर बुधवार सुबह दिल्ली लाया गया, जहां हरियाणा पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बादली पर सात लाख का इनाम घोषित था और वह साल 2018 में पैरोल पर बाहर आने के बाद से फरार था।
विदेश से चला रहा था गैंग

एसटीएफ के अनुसार बादली पिछले कई सालों से विदेश में बैठकर अपने आपराधिक गिरोह को चला रहा था। वह रंगदारी, हत्या और अन्य संगीन अपराधों में शामिल था। एसटीएफ ने इंटरपोल की मदद से उसे कंबोडिया में हिरासत में लिया था और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उसे भारत डिपोर्ट किया गया है।

सात साल से विदेश में था मैनपाल बादली मैनपाल 29 अगस्त 2018 को पैरोल पर जेल से बाहर आया था। जिसके बाद वह विदेश चला गया। उस पर हत्या समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं। जेल में रहते हुए भी हत्या करने का आरोप है। मैनपाल शुरुआत में ट्रैक्टर रिपेयर का काम सीखता था, लेकिन साल 2000 में अपने चाचा की हत्या के बाद अपराध की दुनिया में उसने कदम रखा।

नंबर वन मोस्टवांटेड है मैनपाल हरियाणा पुलिस की सूची में मैनपाल बादली नंबर-1 मोस्ट वांटेड बदमाश है। इसी के चलते पुलिस इसको दबोचने के लिए लगी हुई थी। हाल ही में इसको कंबोडिया में पकड़ा गया। पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब उसके गैंग के बाकी सदस्यों और नेटवर्क पर भी नजर रख रही हैं। साथ ही एसटीएफ ने इस ऑपरेशन को गुप्त रखा था। इसके बाद कम्बोडिया की स्थानीय अधिकारियों के सहयोग से मैनपाल को हिरासत में लिया गया।

ड्रग्स सिंडीकेट से भी संपर्क पुलिस के अनुसार मैनपाल का गैंग ड्रग्स की तस्करी और अवैध हथियारों के कारोबार में भी शामिल है। कंबोडिया में उसकी लोकेशन ट्रैक करने के लिए हरियाणा एसटीएफ ने इंटरपोल और केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम किया। 20 अगस्त के आसपास कंबोडिया पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और डिपोर्ट की प्रक्रिया पूरी कर उसे भारत लाया गया है।

गैंगस्टर बनने से पहले ट्रैक्टर मिस्त्री था शुरुआत में मैनपाल ट्रैक्टर रिपेयर का काम सीख रहा था, लेकिन चाचा की हत्या के बाद उसने अपराध की राह पकड़ ली। धीरे-धीरे वह हरियाणा के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में शामिल हो गया। उसका गैंग कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा, जिसमें हत्या, फिरौती और संगठित अपराध शामिल हैं।

2018 में हुआ था फरार

बादली को साल 2018 में एक मामले में पैरोल मिली थी, जिसके बाद वह वापस जेल नहीं लौटा और फरार हो गया था। एसटीएफ उसकी तलाश में थी और आखिरकार उसे पकड़ने में सफलता मिली। गिरफ्तारी के बाद, बादली से आगे की पूछताछ की जा रही है ताकि उसके गैंग के अन्य सदस्यों और गतिविधियों का पता लगाया जा सके।

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