मध्य प्रदेशराज्य

एमबीबीएस डॉक्टरों को पैथोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री जांच के अधिकार देने की तैयारी में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग

भोपाल
मध्य प्रदेश के सरकारी और निजी एमबीबीएस डॉक्टरों को सामान्य तरह की कुछ पैथोलॉजी और बायोकेमेस्ट्री जांच के अधिकार देने की तैयारी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग कर रहा है। इसके पीछे बड़ी वजह प्रदेश में पैथोलॉजिस्टों की कमी है। इस कारण गड़बड़ियां भी सामने आ रही हैं। एक ही निजी विशेषज्ञ डॉक्टर के नाम पर एक ही शहर में कई जांच केंद्रों में रिपोर्ट तैयार की जाती है। सच्चाई यह होती है कि डॉक्टर एक या दो जगह ही जांच करता है। बाकी जगह लैब टेक्नीशियन जांच कर रिपोर्ट दे रहे हैं।

राज्यों को व्यवस्था करने की छूट है
प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भी पैथोलॉजिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट की बड़ी कमी है। ऐसे में सरकार को इस तरह का निर्णय लेना पड़ रहा है। केंद्र सरकार ने भी राज्यों को इस तरह की व्यवस्था करने की छूट दी है। इसके आधार पर कुछ राज्यों ने यह व्यवस्था चल रही है। जिन जांचों को लेकर यह छूट देने की तैयारी है, उसमें सीबीसी, लिवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, यूरिन रुटीन माइक्रोस्कोपिक, थायराइड, फेरेटिन आदि जांचे शामिल होंगी।

उप मुख्यमंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा राजेंद्र शुक्ला ने विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है। अप्रैल के पहले यह व्यवस्था प्रभावी करने की तैयारी है। सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त निजी एमबीबीएस डॉक्टरों को भी जांच का अधिकार मिल जाएगा। मेडिकल कॉलेज छोड़ दें तो जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मिलाकर पैथोलॉजिस्टों के कुल 147 पद हैं। इनमें 70 रिक्त हैं। सीधी भर्ती से वर्ष 2023 में पैथोलॉजिस्टों के 34 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी, जिसमें 24 ही भर पाए थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button