
नई दिल्ली
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते पर शुक्रवार को भारत की प्रतिक्रिया आई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और सऊदी अरब के बीच रणनीतिक साझेदारी है, जो लगातार गहरी हो रही है। भारत ने उम्मीद जताई है कि रणनीतिक साझेदारी में आपसी हितों का ध्यान रखा जाएगा। पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए डील के तहत यदि दोनों देशों में किसी भी एक देश पर हमला होता है तो यह अटैक दोनों के खिलाफ आक्रमण माना जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई ठिकानों पर बड़े हवाई हमले किए थे, जिसके बाद सऊदी और पाकिस्तान के बीच हुआ यह समझौता अहम माना जा रहा है।
सऊदी अरब-पाकिस्तान समझौते पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत और सऊदी अरब के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है जो पिछले कई वर्षों में काफी गहरी हुई है। हम उम्मीद करते हैं कि इस रणनीतिक साझेदारी में आपसी हितों और संवेदनशीलताओं का ध्यान रखा जाएगा।" इससे पहले, रणधीर जायसवाल ने कहा था कि भारत इस कदम के अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन करेगा। जायसवाल ने कहा, "सरकार भारत के राष्ट्रीय हितों की रक्षा और सभी क्षेत्रों में व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।"
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। पाकिस्तान-सऊदी संयुक्त वक्तव्य के अनुसार, यह समझौता सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच लगभग आठ दशकों से चली आ रही ऐतिहासिक साझेदारी पर आधारित है और भाईचारे व इस्लामी एकजुटता के बंधनों के साथ-साथ दोनों देशों के बीच साझा रणनीतिक हितों और घनिष्ठ रक्षा सहयोग पर आधारित है। दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक संबंधों और साझा हितों के कई विषयों की भी समीक्षा की।
शरीफ ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि उनकी बातचीत में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई, क्षेत्रीय चुनौतियों की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाया गया। शरीफ ने यह भी कहा कि वह सऊदी क्राउन प्रिंस के लगातार समर्थन और दोनों देशों के बीच सऊदी निवेश, व्यापार और व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाने में उनकी गहरी रुचि की बहुत सराहना करते हैं।