
नई दिल्ली
नीतीश राणा के लिए साल 2024 कुछ ख़ास नहीं रहा था। आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) के ख़िताबी जीत अभियान में पहले चोट और फिर टीम कॉम्बिनेशन के कारण उन्हें सिर्फ़ दो मैचों में खेलने का मौका मिला। इसके बाद जब घरेलू सीजन आया तो रणजी ट्रॉफी के शुरूआती चार मैचों की छह पारियों में सिर्फ़ एक अर्धशतक आने के कारण उन्हें उत्तर प्रदेश की रणजी टीम से बाहर कर दिया गया। इसके बाद वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के नौ मैच जरूर खेले, लेकिन उसमें भी उनका औसत सिर्फ़ 13.88 और स्ट्राइक रेट 114.43 का रहा। विजय हजारे ट्रॉफी में भी एक मैच के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और जब रणजी ट्रॉफी का दूसरा चरण शुरू हुआ, तब भी वह टीम में नहीं थे।
आईपीएल 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए उनके नाम दो अर्धशतक जरूर थे, लेकिन 11 में से आधा दर्जन पारियों में वह दहाई के अंक को भी नहीं छू पाए थे। इसके बाद राणा ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए अपने घर लौटने का फ़ैसला किया और कहा कि 2025-26 का घरेलू सीजन वह दिल्ली की तरफ से खेलेंगे। अब राणा ने इस घर वापसी का जश्न दिल्ली प्रीमियर लीग (डीपीएल) सीजन-2 की ख़िताबी जीत से मनाया है, जहां वह वेस्ट दिल्ली राइडर्स टीम के कप्तान थे। उन्होंने तीन प्ले ऑफ मैचों में एक शतक और एक अर्धशतक के साथ तीन नाबाद मैच-जिताऊं पारियां (135*, 45*, 79*) खेलीं और बताया कि वह बड़े मैच के खिलाड़ी हैं।
इस ख़िताबी जीत के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राणा ने कहा, “बड़े मैच में बड़े खिलाड़ियों का चलना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इन मैचों में दबाव बहुत ज्यादा होता है। बड़े खिलाडियों को दबाव से निपटना थोड़ा बेहतर आता है और मैं अपने आपको उसी श्रेणी में रखता हूं जो दबाव वाली परिस्थितियों में आसानी से मैच को निकाल सकते हैं।”
डीपीएल में भी राणा की शुरूआत सही नहीं रही थी। पहले मैच में 15 गेंदों में 39 रनों की पारी खेलने के बाद वह लगातार असफल रहे और अगली छह पारियों में सिर्फ़ एक बार उनसे 20 से अधिक का स्कोर बना। आख़िरी लीग मैच में आठ गेंदों में 25 रन बनाकर उन्होंने फ़ॉर्म वापसी के संकेत जरूर दिए, लेकिन जब पहले क्वालिफ़ायर में टीम को सबसे अधिक जरूरत थी तो उन्होंने 55 गेंदों में आठ चौकों और 15 गगनचुंबी छक्कों की मदद से 134 रनों की पारी खेल वह अपनी टीम को ख़िताब के क़रीब लाए।
राणा कहते हैं, "एक अनुभवी खिलाड़ी के रूप में आपको पता होता है कि आप अच्छी लय में हैं या नहीं। मुझे पता था कि मैं अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहा हूं, बस रन बोर्ड पर नहीं आ रहे थे। लेकिन मैं अपने आपको लगातार बैक कर रहा था। मैं अपने फ़ॉर्म से बस एक बड़ी पारी दूर था और मुझे यह पता था कि यह जल्द ही आने वाला है। भाग्य से यह तभी आया, जब टीम को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। अब मैं कह सकता हूं कि देर आए, दुरूस्त आए और हम चैंपियन बने। हालांकि मैं फ़ॉर्म वापसी की कोशिश पहले मैच से कर रहा था।"
पहले प्लेऑफ में राणा की शतकीय पारी के दौरान साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ के स्पिनर दिग्वेश राठी से नोकझोंक भी हुई, जो तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई। हालांकि राणा इस पर कुछ अधिक बात नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा, "यह बहुत अनुचित होगा कि अगर इस मामले पर मैं अपनी बात रखूं और राठी का पक्ष नहीं आए। अगर सिर्फ़ मेरी बात छपेगी तो इससे यही ही लगेगा कि मैं सही हूं और वह गलत। हां, मैं बस इतना कह सकता हूं कि उसने शुरूआत की और मुझे छेड़ा तो मैंने भी उसका जवाब दिया। मैं भी दिल्ली का पला बढ़ा हूं और मेरे अंदर भी गर्म खून है। कोई मुझे छेड़ेगा तो मैं चुप बैठने वालों में से नहीं हूं। मेरे मां-बाप ने भी मुझे यही सिखाया है कि अगर आप गलत नहीं हो तो अपनी आवाज उठाओ और मैं वही करता हूं और आगे भी करता रहूंगा। वह मुझे छेड़कर आउट करना चाहता था, तो मैंने भी उसे छेड़ा। वह इससे डिस्टर्ब हुआ और मैंने फिर छक्के मारकर उसको जवाब दिया।"
आईपीएल 2017 से आईपीएल 2023 तक लगातार सात साल हर आईपीएल सीजन में कम से कम 300 रन बनाने वाले कुछ दुर्लभ खिलाड़ियों में से एक राणा 2021 के कोविड समय में भारतीय टीम में भी आ गए थे। उन्होंने श्रीलंका में एक वनडे और दो टी20 भी खेला। लेकिन इसके बाद उन्हें फिर कभी भारतीय टीम में मौका नहीं मिला। हालांकि इस दौरान वह लगातार घरेलू क्रिकेट और आईपीएल स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करते रहे और अपनी रणजी व आईपीएल टीमों के लिए कप्तानी भी की।
राणा ने कहा कि यह अनुभव है, जो कि ऐसी मैच परिस्थितियों में उन्हें एक मजबूत क्रिकेटर बनाता है। उन्होंने कहा, "क्रिकेट, अनुभव का खेल है। जब आप अपने आपको रगड़ते हो, बुरे टाइम से गुजरते हो तो उस समय पर यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप उससे कितना सीखने की कोशिश कर रहे हो। मैंने भी यह सारी चीज़ें समय के साथ सीखी हैं। मेरा कई बार फ़ॉर्म खराब हुआ है, कई बार मैंने ख़ुद से लड़ाई लड़ी है, अपने आपको दंड भी दिया है। लेकिन मैं अपने आप पर बहुत भरोसा रखता हूं और और इसी ढंग से अपनी क्रिकेट खेलता हूं। इसमें कई बार मुझे सफलता भी मिलती है और कई बार मैं असफल भी हो जाता हूं। लेकिन यह सब तो इस खेल का हिस्सा है।"