
इस्लामाबाद
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े ऐक्शन लिए हैं। पीएम मोदी के नेतृत्व में सीसीएस की बैठक में सिंधु जल संधि पर रोक समेत पांच फैसले हुए। इसके जवाब में गुरुवार को पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (एनएससी) की अहम बैठक हुई, जिसमें भारत के लिए पाकिस्तान के एयरस्पेस को बंद करने का भी फैसला लिया गया। शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया गया है। भारतीय फ्लाइट्स के लिए एयरस्पेस बंद करने का ऐलान करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र सभी भारतीय स्वामित्व वाली या भारतीय संचालित एयरलाइनों के लिए तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा। वहीं, पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश से भारत के साथ सभी व्यापार को भी तत्काल निलंबित कर दिया गया है।
भारत की कार्रवाई से बिलबिलाए पाकिस्तान ने कहा है कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित जल को मोड़ने का कोई भी कदम युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। साथ ही उसने पहलगाम हमले के मद्देनजर देश के खिलाफ नई दिल्ली द्वारा उठाए गए कदमों के जवाब में भारत के साथ व्यापार, शिमला समझौते सहित द्विपक्षीय समझौतों और हवाई क्षेत्रों को निलंबित करने की घोषणा की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कम करने के भारत के कदम पर देश की प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में एक बैठक के बाद ये घोषणाएं की गईं।
बैठक में पाकिस्तान के प्रमुख मंत्रियों और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भाग लिया। राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, "पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित रखने के अधिकार का प्रयोग करेगा, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है, लेकिन उस तक सीमित नहीं है।'' बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान वाघा सीमा चौकी को तत्काल प्रभाव से बंद कर देगा। हालांकि, भारत पहले ही अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को बंद कर चुका है। इसके अलावा, पाकिस्तान ने भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत सभी वीजा को भी निलंबित कर दिया है और सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द माना है। एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर बाहर निकलने का निर्देश दिया गया है।
बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, एनएससी ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के एकतरफा फैसले को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, इस समझौते को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया, साथ ही इस बात पर जोर दिया कि पानी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है और 24 करोड़ पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा है। इसमें कहा गया है, "सिंधु जल संधि के अनुसार पाकिस्तान के पानी के प्रवाह को रोकने या मोड़ने और निचले तटवर्ती लोगों के अधिकारों का हनन करने का कोई भी प्रयास युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।" इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की क्षमता 30 अप्रैल से घटाकर 30 राजनयिक और कर्मचारी कर दी जाएगी।