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जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​से पूछताछ जारी, इस बीच 15 मिनट के लिए घर आई

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पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ​​से राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए), गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) और सैन्य खुफिया अधिकारी पूछताछ कर रहे हैं। ज्योति मल्होत्रा के वित्तीय लेन-देन और यात्रा विवरण की भी जांच की जा रही है। इसी बीच पुलिस उसे कुछ देर के लिए हिसार स्थित उसके घर लेकर पहुंची थी। वह 15 मिनट यहां रही, इस दौरान उसने अपने कपड़े पैक किए  और नोटबुक में एक लेटर लिखा।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस लेटर की हैंडराइटिंग ज्योति से मेल खाती है। इसमें लिखा है सविता को कहना फल ला दें, घर का ख्याल रखें, मैं जल्दी वापस आ जाऊंगी।  इसके अलावा उसमें कुछ जरूरी दवाइयों का भी जिक्र किया गया है, जो घर में मंगवाने के लिए कहे गए हैं। पत्र के अंत में लिखा गया है- Love You Kush Mush।  पुलिस इस पत्र की संभावित कोड मैसेज के तौर पर भी जांच कर रही है।  ज्योति मल्होत्रा (33) 'ट्रैवल विद जो' नामक एक यूट्यूब चैनल चलाती है। उसे 16 मई को न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया गया था।
 
पुलिस ने बताया कि ज्योति के खिलाफ आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत एक मामला दर्ज किया गया है। ज्योति उन 12 व्यक्तियों में शामिल है जिन्हें पिछले दो सप्ताह में जासूसी के आरोप में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है।   केंद्रीय एजेंसियां ​​और सैन्य खुफिया अधिकारी ज्योति मल्होत्रा की यात्रा के विवरण की जांच कर रहे हैं, क्योंकि उसने कथित तौर पर पाकिस्तान, चीन और कुछ अन्य देशों की यात्रा की थी। अधिकारी ने बताया कि घटनाक्रम की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने किन देशों की यात्रा की और किस क्रम में।
 
पुलिस ने बताया कि  ज्योति मल्होत्रा पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिवसीय सैन्य संघर्ष के दौरान कथित तौर पर नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी के संपर्क में थी। उसके पास सैन्य या रक्षा अभियानों से जुड़ी किसी भी जानकारी तक सीधी पहुंच नहीं थी, लेकिन वह सीधे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों से जुड़े लोगों के संपर्क में थी। वह पहलगाम हमले से पहले कश्मीर गई थी और उससे पहले पाकिस्तान गई थी। वह 2023 में पाकिस्तान उच्चायोग में एहसान-उर-रहीम उर्फ ​​दानिश के संपर्क में आयी थी, जब वह पड़ोसी देश की यात्रा के लिए वीजा मांगने वहां गई थी। तेरह मई को भारत ने जासूसी में कथित रूप से लिप्त होने के कारण उच्चायोग में कार्यरत पाकिस्तानी अधिकारी को निष्कासित कर दिया था।

 

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